अंबिकापुर।सरगुजा जिले के लखनपुर वनपरिक्षेत्र अपने प्राकृतिक सौंदर्यतम के लिए पूरे प्रदेश में प्रसिद्ध है लेकिन विडंबना की बात तो यह है कि जहां एक तरफ अदानी के द्वारा जो पेड़ कटाई का मामला होता है तो सभी राजनीतिक दल और प्राकृति प्रेमी एन.जी.ओ. एक साथ विरोध में खड़े हो जाते हैं वहीं दूसरी तरफ लखनपुर वनपरिक्षेत्र में हजारों की संख्या में लकड़ी तस्करी यूकेलिप्टस की लकड़ी को काटकर लखनपुर के जय दुर्गा राइस मिल के बगल में, गौरव पथ के ब्रिक्स मोड में देवगढ़ जाने वाले रास्ते में अंधला, राइस मिल के बगल में गोरता में हजारों पेड़ काटकर डंप किया गया है जिसका अवैध परिवहन लखनपुर में वन परिक्षेत से बिना बीट पास के उत्तर प्रदेश होते हुए हरियाणा भेजा जा रहा है जिसमें वन परिक्षेत्राधिकारी एवं वन मंडलाधिकारी भी लकड़ी तस्करों के साथ मिली भगत किए हैं कोई भी प्राइवेट भूमि पर लकड़ी की कटाई करता है तो उसकी अनुमति अनुविभागीय अधिकारी एवं वन विभाग से प्राप्त की जाती है लेकिन कोई भी अनुमति लकड़ी तस्करों के द्वारा प्राप्त नहीं की गई है और अनुविभागीय अधिकारी तथा अन्य अधिकारियों को अपने प्रभाव से प्रभावित कर खुले रूप से लकड़ी की तस्करी की जा रही है। यही नहीं लकड़ी तस्करों ने कटे हुए पेड़ों के डगाल को जलाकर कोयला बना रहे हैं तथा उसे भी विक्रय कर रहे हैं लकड़ी जलाने के लिए अलग से 10 से 15 स्थान पर बड़े-बड़े ईटा से चिमनी की तरह बना कर रखे हैं जहां रात दिन लकड़ी जलाकर उससे कोयला निकाला जा रहा है और शासन प्रशासन मौन रूप से आंख बंद कर रहे हैं।

उक्त संबंध में डॉक्टर डी.के. सोनी के द्वारा व्हाट्सएप के माध्यम से डीएफओ अंबिकापुर से शिकायत की गई तो डीएफओ पल्ला झाड़ते हुए राजस्व का मामला बताया गया और राजस्व विभाग के पास शिकायत की गई तो वह वन विभाग का मामला बताया गया इस तरह दोनों विभाग एक दूसरे के ऊपर आरोप प्रत्यारोप लगाकर लकड़ी तस्करों को खुली छूट लकड़ी काटने के प्रदान की गई है और सरगुजा की लकड़ी बिना बीट पास, बिना अनुमति के लाखों टन लकड़ी कट कर दूसरे राज्यों में भेज रहे हैं और सरगुजा के प्राकृतिक संतुलन को बिगाड़ रहे हैं।

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