
कोरबा। छत्तीसगढ़ बीजेपी ने अनुशासनहीनता के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए कोरबा नगर निगम के नवनिर्वाचित सभापति को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। कोरबा में नूतन सिंह ठाकुर पार्टी के सभापति के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़े थे और उन्हें जीत भी मिली। कोरबा नगर निगम में बीजेपी को बंपर बहुमत मिला है। वहां पार्टी का मेयर निर्वाचित हुआ है। इसके बाद सभापति चुनाव के लिए पार्टी ने हितानंद अग्रवाल को अधिकृत प्रत्याशी बनाया था। हितानंद अग्रवाल को डिप्टी सीएम अरुण साव का आदमी माना जाता है। इसको लेकर कोरबा के बीजेपी नेता लामबंद हो गए। बताते हैं, उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन और विकास महतो ने बीजेपी पार्षद नूतन सिंह ठाकुर को निर्दलीय चुनाव लड़ा दिया और सूत्रों का कहना है कि बागी प्रत्याशी को जीताया भी गया। नूतन को 33 वोट मिले।
नूतन सिंह की जीत को उद्योग मंत्री लखनलाल ने बीजेपी की जीत बताते हुए उन्हें बधाई दी थी। लखनलाल का बयान था। नूतन बीजेपी की टिकिट से पार्षद चुनाव लड़े और जीते। उन्हें बीजेपी के पार्षदों ने वोट देकर सभापति बनाया है। प्रश्नकाल में मंत्री ओपी चौधरी और राम विचार नेताम करेंगे इन सवालों का सामना मगर पार्टी ने इसे घोर अनुशासनहीनता करार देते हुए सभापति नूतन सिंह ठाकुर को बीजेपी से निष्कासित कर दिया है। पार्टी की ये बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। पार्टी ने इसके जरिये बड़ा संदेश देने की कोशिश की है कि पार्टी लाईन से उपर कोई नहीं है। कोरबा निगम में 67 पार्षदों में से बीजेपी के 45, कांग्रेस के 11 और निर्दलीय 11 पार्षद ने सभापति के लिए मतदान किया। चुनाव में पार्षद नूतन सिंह ठाकुर जो सभापति चुनाव के लिए बीजेपी के ही बागी बने उन्हें 33 वोट मिल गए। वहीं बीजेपी के आधिकारिक उम्मीदवार हितानंद अग्रवाल को महज 18 वोट मिले। सभापति के लिए एक निर्दलीय प्रत्याशी अब्दुल रहमान भी मैदान में थे, उन्हें 16 वोट मिले। बंद कमरे में हुई थी चर्चा चुनाव से पहले बीजेपी ने पार्टी पर्यवेक्षक पुरेंद्र मिश्रा के नेतृत्व में पार्षदों को मनाने का प्रयास किया। बंद कमरे में लंबी बैठकें हुईं। संगठन ने हितानंद अग्रवाल के नाम पर सहमति जताई, लेकिन नूतन सिंह ठाकुर ने बागी तेवर अपनाते हुए चुनाव लड़ा।



















