बलरामपुर: कक्षा पांचवी के छात्र अनुभा पाल व रंजन पाल का स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल, बलरामपुर में शाला प्रवेश हुआ। अनुभा व रंजन वही दो बच्चें हैं, जिनकी प्रतिभा से प्रभावित होकर कलेक्टर ने दो दिन पहले ही उन्हें अंग्रेजी माध्यम स्कूल में भर्ती कराने के निर्देश दिए थे। दाखिला उपरांत आज दोनों बच्चों का शाला प्रवेश कराया गया और कलेक्टर कुंदन कुमार अभिभावक की भूमिका में इस दौरान उनके साथ उपस्थित रहे। उन्होंने दोनों बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की और उनका उत्साहवर्धन किया। बच्चों को स्कूल ड्रेस तथा किताबें भी दी गई और बच्चों ने पुष्पगुच्छ देकर कलेक्टर का अभिवादन किया। कलेक्टर श्री कुन्दन कुमार ने बच्चों का परिचय कराते हुए कहा कि अनुभा डॉक्टर और रंजन आईएएस बनना चाहते है। निश्चित ही प्रतिभा के बल पर इनका यह सपना पूरा होगा। उन्होंने कहा मेरी कोशिश है कि इन बच्चों को उनके हिस्से की खूबसूरत दुनिया मिले और वे अपने भविष्य को संवारने के लिए खूब मेहनत करें और सफल हों। इस दौरान कलेक्टर श्री कुमार ने अपने बचपन के दिनों को याद किया और अपने अनुभव साझा किए।
दरअसल 2 दिन पूर्व क्षेत्र भ्रमण के दौरान कलेक्टर कुन्दन कुमार शासकीय प्राथमिक शाला बरियाती सरना पहुंचे थे, जहां उनकी मुलाकात अनुभा व रंजन से हुई थी। तब अनुभा ने उन्हें बताया था कि वह संतोषी नगर के विद्या सागर अंग्रेजी माध्यम स्कूल में पढ़ती थी। किंतु कोविड काल के दौरान फीस न दे पाने की वजह से उसके पिता ने उसका दाखिला शासकीय प्राथमिक शाला बारियाती सरना में कराया। कुछ ऐसी ही स्थिति रंजन पाल की भी थी, जो विद्यासागर स्कूल में पढ़ते थे किन्तु कोविड के चुनौती भरे दौर के बाद से ही प्राथमिक शाला बरियाती सरना में पढ़ रहे थे। दोनों ही बच्चों से रूबरू होने के बाद कलेक्टर ने तत्काल उन्हें स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल में प्रवेश दिलाने के निर्देश दिए थे। कलेक्टर के पहल से दोनों बच्चों का अंग्रेजी माध्यम स्कूल में दाखिला हुआ और आज उनका शाला प्रवेश कराया गया। शाला प्रवेश के उपरांत रंजन ने बताया कि उसके पिता गांव में ही अपना व्यवसाय करते हैं वहीं अनुभा ने बताया कि उसके पिता काम के सिलसिले में बाहर रहते हैं। दोनों बच्चों के लिए की गई यह छोटी सी कोशिश निश्चित ही उनके भविष्य को संवारेगी। बता दें कि स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल के माध्यम से शासन का प्रयास है कि बच्चों को अंग्रेजी में बेहतर शिक्षा दी जा सके और उनकी तरक्की में भाषा आड़े ना आए। जिले में वर्तमान में सात शासकीय अंग्रेजी माध्यम स्कूल संचालित है।