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भोपाल: मध्यप्रदेश में नई आबकारी नीति के सियासी मायने हैं. सरकार ने शराब सस्ती कर दी. ये और बात है कि पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने पिछले साल कहा था कि वो 15 जनवरी 2022 तक शराबबंदी करवाएंगी, नहीं तो सड़कों पर उतरेंगी. लेकिन इस मियाद के ठीक दो दिन बाद शराबबंदी तो दूर शिवराज कैबिनेट ने नई शऱाब नीति का ऐलान कर दिया. दरअसल, उमा भारती ने पिछले साल सरकार को शराबबंदी के लिये 15 जनवरी तक का अल्टीमेटम दिया था. वो मध्यप्रदेश की सड़क पर तो नहीं उतरीं, लेकिन सरकार ने नई आबकारी नीति में शराब जरूर सस्ती कर दी. मंगलवार को कैबिनेट बैठक के बाद सरकार के प्रवक्ता डॉ नरोत्तम मिश्र ने कहा कि मध्यप्रदेश की आबकारी नीति जो 1 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 तक प्रस्तावित थी, उसको अनुमति प्रदान की गई है. है. एयरपोर्ट पर अंग्रेजी शराब की दुकानें होंगी. मॉल में काउंटर पर शराब भी मिल सकेगी. हालांकि कई कैबिनेट मंत्री इसमें ही हाथ जोड़ रहे हैं कि नई दुकानें नहीं खुलेंगी. निशाने पर बिहार की शराबबंदी भी है. वहीं कांग्रेस उमा भारती के बयान से सरकार को घेर रही है. कैबिनेट मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि शिवराज सिंह साहब को आभार कहता हूं. प्रदेश में एक भी देसी-विदेशी मदिरा की दुकान खोलने की अनुमति नहीं दी. बिहार में शराब बंद हुई, कानूनी रूप से बंद हुई लेकिन अवैध बिक रही है. ऐसे में शराबबंदी से पहले जनमानस में माहौल बनाने का काम हम सबको करना चाहिये. तब हमको सरकार से मांग करना चाहिये.