नई दिल्ली। कोरोना संकटकाल में आनलाइन व डिजिटल शिक्षा को भले ही मजबूरी में अपनाया गया था लेकिन अब यह बच्चों को घर बैठे ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने का एक अहम जरिया भी बन गया है। यही वजह है कि सरकार इस दिशा में तेजी से बढ़ने को तत्पर है। खासबात यह है कि बजट में सरकार ने दो सौ नए टीवी चैनलों को शुरु करने की जो घोषणा की है, उस पर पहले से ही काम शुरु हो चुका है। इसके तहत अगले दो से तीन महीनों में करीब सौ टीवी चैनलों को शुरु करने की तैयारी भी है।
इनमें कई ऐसे चैनलों को भी शुरु करने की योजना है, जिसके जरिए सिर्फ व्यवसायिक शिक्षा की ही पढ़ाई कराई जाएगी। इन चैनलों को शुरु करने की जो योजना बनाई गई है उनमें करीब सौ टीवी चैनल अकेले स्कूली शिक्षा के लिए होंगे। इसी तरह से उच्च शिक्षा के लिए भी करीब 50 चैनेल शुरु होंगे, जबकि व्यवसायिक शिक्षा और तकनीकी शिक्षा के लिए भी कुछ समर्पित चैनलों को शुरु करने की योजना है।
पहली से बारहवीं तक के लिए है एक-एक समर्पित चैनल
शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक मौजूदा समय में पीएम- ईविद्या योजना के तहत बारह टीवी चैनल संचालित किए जा रहे है। इनमें पहली से बारहवीं तक के लिए एक-एक समर्पित चैनल है। वैसे तो इसे काफी पहले ही शुरु होना था लेकिन विषय वस्तु (कंटेंट) तैयार होने में देरी के चलते इसे काफी देरी से शुरु किया गया था। हालांकि इस विषयवस्तु को दूसरी भाषओं में अनुवाद कर तेजी से लाने की तैयारी है।
आनलाइन और डिजिटल शिक्षा को तेजी से विस्तार देने में जुटा शिक्षा मंत्रालय
शिक्षा मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने के लिए डिजिटल शिक्षा एक उपयोगी पहल है। वैसे भी मौजूदा समय में जिस तरह से ज्यादातर स्कूलों में गणित, विज्ञान सहित दूसरे वैकल्पिक विषयों के शिक्षक नहीं है उनमें छात्रों को देश के सबसे बेहतर शिक्षकों से पढ़ने का मौका मिलेगा। इस पहल की सबसे ज्यादा फायदा ग्रामीण और दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले छात्रों को मिलेगा, जो अभी बेहतर स्कूलों की पहुंच से दूर है। अब वह घर बैठे ही टीवी चैनलों के माध्यम से पढ़ाई को जारी रख सकेंगे। इसके लिए इंटरनेट आदि की जरूरत भी नहीं रहेगी।