अंबिकापुर। सूरजपुर जिले के एसईसीएल महान थ्री कोयला खदान से एसईसीएल की मिली भगत से हो रही है कोयले की तस्करी। पासिंग 30 टन के स्थान पर 35 टन कोयला लोड़ कराया जा रहा है। मामल सामने आने पर एसईसीएल के कर्मचारी अपना सफाई दे रहे है।एसईसीएल महान थ्री के नोडल अधिकारी ने खड़गवां चौकी प्रभारी को ज्ञापन सौंप कहा की 14 फ़रवरी को जय कोल डिपो डीओ नम्बर 6460 के अर्न्तगत लगी वाहन क्रमांक सीजी 15 ऐसी 5577 में जगन्नाथपुर ओसीपी से G-9 का कोयला लोड किया था। ट्रक फाइनल करा कर वजन 43.30 टन आया इसके पश्चात उक्त वाहन का गेट पास जारी कर दिया गया था। उसके बाद वाहन चालक गाडी को लेकर पुनः G+ लोडिंग पाईट में जाकर और कोयला लोड किया जिसकी हमारे माइनिंग स्टाफ़ दीपक पटेल द्वारा मना किया गया तथा नोडल अधिकारी को सूचना दिया गया नोडल अधिकारी ने तत्काल उसका पुनः वजन कराया तो 5.80 टन कोयका ज्यादा पाया गया वाहन को तत्काल साइड में खड़ा करा दिया गया। और गाड़ी के ड्राईवर ने गाड़ी से कुछ कोयला को उतार दिया। मौके पर दीपक पटेल, अश्वनी कुमार सिंह, अविनाश, पुष्प राज मौजूद थे।
ग्रामीणों ने बताया महान थ्री से एसईसीएल की मिलीभगत से हो रही है अवैध कोयले की तस्करी
ग्रामीणों ने बताया कि एसईसीएल महान थ्री से अधिकारियों- कर्मचारियों की मिलीभगत से फर्जी दस्तावेज तैयार कर अवैध कोयले की तस्करी की जा रही है। फर्जी दस्तावेज तैयार कर कोयला बाहर भेजा जा रहा है। बीती दरम्यानी रात्रि गांधीनगर पुलिस ने संदेश के आधार पर एक ट्राला ट्रक में करीब 30 टन कोयला को ज़ब्त किया । वही ग्रामीणों ने बताया कि यह कारोबार एसईसीएल की मिलीभगत से काफी दिनों से चला रहा है प्रतिदिन फर्जी दस्तावेज के आधार पर 10 से 15 गाड़ी अवैध कोयला डिपो, इट भट्ठा भेजा जा रहा है।बीती दरम्यानी रात्रि गांधी नगर पुलिस ने महान थ्री से ट्राला ट्रक जय भोलेनाथ क्रमांक एनएल 01 एडी 6615 में करीब 30 कोयला लोड़ कर अदानी पावर रायगढ़ जा रहा था। गांधी नगर पुलिस ने ट्रक को रुकवाकर दस्तावेज की मांग की मगर ट्रक चालक सही दस्तावेज प्रस्तुत नही कर पाया। सूरजपुर, बलरामपुर और सरगुजा जिले में अवैध तरीके से लोहे वाले चिमनी से ईट बनाया जा रहा है। जो रेवतपुर, सिधमा, सूरजपुर के मदननगर सहित अन्य गावों में है, जबकि इस पर पर्यावरण मंडल भट्ठा के लिए अनुमति नहीं देता लेकिन जानकारी के बाद भी मंडल कार्यवाही नहीं कर रहा है। ज़ब कार्यवाही की बात आती है तो वह इसे खनिज विभाग के जिम्मे सौंप देता है।