सुरजपुर: जिला पंचायत सीईओ राहुल देव की अध्यक्षता में जिला पंचायत सभाकक्ष में जिला स्तरीय अनुश्रवण एवं समन्वय समिति की बैठक जिले में मिलेट्स लघु धान्य मिशन योजना क्रियान्वयन के परिपालन में अनुश्रवण एवं समन्वय समिति की बैठक आयोजित की गई। जिसमें वन मंडलाअधिकारी, उप पंजीयक सहकारिता, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग, जिला शिक्षा अधिकारी, सहायक आयुक्त आदिम जाति विकास विभाग, खाद्य अधिकारी, महाप्रबंधक वाणिज्य एवं उद्योग विभाग, कार्यक्रम समन्वयक कृषि विज्ञान केंद्र अजीर्रमा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी बैंक मर्यादित उपस्थित थे। सीईओ ने जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक में मिलेट्स मिशन अंतर्गत जिले में निर्धारित लक्ष्य अनुसार कार्यक्रम करने हेतु आवश्यक कार्यवाही जैसे क्लास्टर, क्षेत्र, कृषक चयन, कृषि आदान व्यवस्था, मिलेट्स के प्रसंस्करण एवं अधोसंरचना विकास के संबंध में योजना हेतु आवश्यक बीज की व्यवस्था प्रदर्शन इत्यादि के लिए राशि की व्यवस्था डीएमएफ एवं विभिन्न विभागीय योजनाओं में उपलब्ध राशि के अभिसरण से मिशन का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा किसानों की आय बढ़ाने तथा कुपोषण दूर करने के उद्देश्य से वर्ष 2022 -23 से महत्वाकांक्षी मिलेट्स मिशन प्रारंभ किया जा रहा है। मिलेट्स मिशन अंतर्गत कोदो, कुटकी, एवं रागी के क्षेत्र विस्तार के साथ साथ उत्पादकता में वृद्धि करने से उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। प्राप्त उत्पाद का मूल्य संवर्धन कर आंगनबाड़ी, छात्रावास एवं स्कूल में मध्यान्ह भोजन में शामिल किया जाएगा और सामान्य जनों को भी विक्रय हेतु उपलब्ध कराया जाएगा। दैनिक आहार में मिलेट्स के उपयोग को प्रोत्साहित कर कुपोषण को दूर किया जाएगा। मिलेट मिशन क्षेत्र छादन लक्ष्य का निर्धारण पंचवर्षीय परियोजना अवधि में मिशन अंतर्गत लघु धान्य फसलों का लगभग 1 लाख हेक्टेयर क्षेत्र विस्तार और उत्पादकता में वृद्धि लक्ष्य निर्धारण कर की जाएगी। इसमें समस्त श्रेणी के भूस्वामी एवं वन पट्टा धारी कृषक जो कोदो कुटकी एवं रागी फसल उत्पादन करते हो या उत्पादन के प्रति रुचि रखते हो हितग्राहियों की पत्रता होगी। अनुसूचित जाति ,अनुसूचित जनजाति एवं लघु सीमांत एवं महिला कृषकों को प्राथमिकता दी जाएगी। योजना में न्यूनतम 30 प्रतिशत महिला कृषकों का चयन किया जाएगा। योजना अंतर्गत कृषक को 3 वर्षों में एक बार ही लाभ की पात्रता होगी।
क्लस्टर का चयन योजना अंतर्गत चयनित आदिवासी बाहुल्य विकासखंड के ऐसे क्षेत्र जहां लघु धान्य फसलों की परंपरागत खेती की जाती हो अथवा इस हेतु उपयुक्त हो से कम से कम 20 हेक्टेयर का क्लस्टर चयन कर लघु धन्य फसल उत्पादन को प्रोत्साहित किया जाएगा । क्लस्टर क्षेत्र मेंक एक से अधिक समीप ग्राम को सम्मिलित किया जा सकेगा। प्लास्टर निर्धारण में पंचायती राज संस्थाओं की सक्रिय भूमिका होगी एवं योजना अंतर्गत प्रतिवर्ष नवीन क्लस्टर का चयन करना होगा। कृषकों का चयन चयनित विकास खंडों में निर्धारित कलस्टर में हितग्राहियों का चयन संबंधित क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा ग्राम पंचायत के अनुमोदन से किया जाएगा तथा चयनित हितग्राहियों की सूची पर जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत से अनुमोदन प्राप्त किया जाएगा ।लघु धान्य फसल उत्पादन में रुचि रखने वाले ऐसे कृषक जो फसल प्रदर्शन एवं अन्य घटकों के दिशा निर्देश एवं उद्देश्य की पूर्ति में अपनी सहभागिता दे सके उनका चयन किया जाएगा।