रायपुर: केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के लेबर बजट में दो करोड़ 22 लाख मानव दिवस की बढ़ोतरी की मंजूरी दे दी है। अब प्रदेश में चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए मनरेगा के तहत रोजगार सृजन का लक्ष्य साढ़े 13 करोड़ मानव दिवस से बढ़कर 15 करोड़ 72 लाख मानव दिवस हो जाएगा। राज्य शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों तथा भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव एवं अन्य अधिकारियों के बीच हाल ही में हुई बैठक में छत्तीसगढ़ में लेबर बजट बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।
छत्तीसगढ़ ने चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में मनरेगा के तहत निर्धारित साढ़े 13 करोड़ मानव दिवस रोजगार सृजन का लक्ष्य विगत फरवरी माह में ही हासिल कर लिया था। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने मनरेगा के अंतर्गत हो रहे व्यापक कार्यों और लक्ष्य की पूर्णता को देखते हुए लेबर बजट बढ़ाने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजने के निर्देश वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों को दिए थे। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणु जी. पिल्ले और मनरेगा आयुक्त मोहम्मद कैसर अब्दुलहक की केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के अधिकारियों के साथ सशक्त समिति की हाल ही में हुई बैठक में लेबर बजट बढ़ाने के राज्य शासन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में इस वर्ष अब तक मनरेगा के अंतर्गत 28 लाख से अधिक परिवारों के करीब 54 लाख पांच हजार श्रमिकों को काम दिया गया है। इस दौरान चार लाख 75 हजार 374 परिवारों को 100 दिनों से अधिक का रोजगार भी मुहैया कराया गया है।