नई दिल्ली, पीटीआई। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि सरकार सभी वाहनों के लिए 6 एयरबैग अनिवार्य कर रही है। गडकरी ने राज्यसभा में कांग्रेस सांसद केटीएस तुलसी के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि इकोनॉमिक मॉडल के लिए भी छह एयरबैग अनिवार्य होंगे।

गडकरी ने सदन में कहा कि इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) का निर्माण सरकार की तरफ से तय सुरक्षा मानकों के अनुसार किया जाना चाहिए। इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए भारत के सुरक्षा मानक वैश्विक मानकों के अनुरूप हैं। इसके अलावा, सदन में गडकरी ने यह भी कहा कि भारत में हर साल पांच लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिसके कारण लगभग 1.5 लाख लोग मारे जाते हैं। मंगलवार को मंत्री ने राष्ट्रीय राजमार्गों के क्षेत्रीय अधिकारियों और प्रोजेक्ट डायरेक्टर्स से चल रही परियोजनाओं में उचित सड़क सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने को कहा था।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से जुड़े संसद सदस्यों की एक सलाहकार समिति की पहली बैठक 24 मार्च को सड़क सुरक्षा से जुड़े कई अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा के लिए हुई थी। बैठक की अध्यक्षता गडकरी ने की थी।

नितिन गडकरी ने पुष्टि की है कि 1 अक्टूबर 2022 से निर्मित सभी नई कारों में स्टैंडर्ड सेफ्टी के रूप में 6 एयरबैग होना अनिवार्य हो जाएगा। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने जनवरी 2022 में एक मसौदा अधिसूचना को मंजूरी दी थी। अधिसूचना के अनुसार 8 यात्रियों के बैठने की क्षमता वाली और 3.5 टन से कम वजन (यानी एम1 श्रेणी के वाहन) वाली सभी कारों में 6 एयरबैग अनिवार्य होंगे। बता दें, 1 जनवरी 2022 से सभी वाहनों में डुअल फ्रंट एयरबैग अनिवार्य कर दिया गया है। इस नियम के लागू होने के बाद सरकार का मानना है कि सड़क दुर्घना के दौरान होने वाली मौतों की संख्या में कमी देखने को मिल सकती हैं। वहीं प्रत्येक लोगों के सेफ्टी के लिए गाड़ी में एयरबैग का होना जरूरी है।

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