बलरामपुर: छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय आह्वान पर दो सुत्री मांगो को लेकर आज राजपुर में भी वन विभाग कार्यालय के सामने धरना देकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए हैं इनके द्वारा हड़ताल से पूर्व राजपुर एसडीएम चेतन साहू ज्ञापन सौंपकर मामले की जानकारी दे दी है।
दरअसल मनरेगा कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर छत्तीसगढ़ राज्य के समस्त 28 जिले के समस्त ब्लॉक स्तर के सभी मनरेगा कर्मी अधिकारी कर्मचारी व ग्राम रोजगार सहायक अनिश्चितकालीन हड़ताल एवं धरना प्रदर्शन में हैं उन्होंने राज्य कार्यालय को संदर्भित पत्र के माध्यम से भी सूचना दे चुके है मनरेगा योजना के तहत कार्यक्रम मनरेगा कर्मियों अधिकारी कर्मचारियों ग्राम रोजगार सहायकों की दो सूत्रीय मांग है। इनकी प्रमुख दो मांगों में जिसमें पहला मांग समस्त मनरेगा कर्मियों का नियमितीकरण किया जाये और दूसरा नियमितीकरण की प्रक्रिया पूर्ण होने तक ग्राम रोजगार सहायकों का वेतनमान निर्धारण करते हुए समस्त मनरेगा कर्मियों पर सिविल सेवा नियम 1966 के तहत पंचायत कर्मी नियमावली लागू किए जाने जैसी मांगे हैं जो कांग्रेस के चुनावी घोषपत्र में सामिल कर वायदा किया गया था। मनरेगा कर्मचारियों का आरोप है कि आज कांग्रेस सरकार का 3 साल का कार्यकाल पूर्ण हो चुका है इसके बावजूद भी घोषणा पत्र में किए गए वादे पर सरकार की तरफ से किसी प्रकार का कोई पहल नहीं किया जा रहा है जिससे हम सभी मनरेगा कर्मचारी अपने आपको ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं अगर सरकार हमारी इन दो मांगों को पूर्ण नहीं करती है तो हमारे द्वारा शुरू किया गया धरना प्रदर्शन और हड़ताल अनिश्चितकालीन समय तक जारी रखा जाएगा।
मनरेगा कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से पंचायत स्तर में चल रहे सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयन पूरी तरह से रुक जाएगी और पंचायतों का विकास कार्य थम जाएगा। मनरेगा कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से ग्राम पंचायतों में चल रहे मनरेगा के तहत कार्यों में कार्य कर रहे मजदूरों का भी रोजगार पूरी तरह से बंद हो जाएगा सरकार की मंशा थी कि सभी पंचायतों में मनरेगा के तहत कार्य करा कर गांव के बेरोजगार मजदूरों को गांव में ही रोजगार दिया जाए जो इस हड़ताल से प्रभावित हो रहा है।