कोरिया: राजस्व मामलों के निराकरण और लोकहित से जुड़ी मांगों और समस्याओं को सुनकर उनके समाधान के लिए जिला प्रशासन पंचायत स्तर पर समाधान तुंहर दुआर शिविर के माध्यम से आम जन तक पहुंच रहा है। कलेक्टर कुलदीप शर्मा के मार्गदर्शन में नगरीय निकायों में भी शिविर का आयोजन किया जा रहा है। मंगलवार को साप्ताहिक समय सीमा की बैठक में कलेक्टर ने पंचायतों से शिविर में मिले आवेदनों के संधारण के लिए तैयार पंजी मंगाकर अवलोकन किया और निराकरण की समीक्षा की। इस दौरान कलेक्टर श्री शर्मा ने हितग्राहियों को रैंडम कॉल किये और उनसे आवेदन के निराकरण और शिविर पर फीडबैक लिया।
कलेक्टर ने बैठक में ही ग्राम पंचायत केशगवां के धर्मजीत सिंह से फोन के ज़रिए बात की और पेंशन प्रकरण के आवेदन की स्वीकृति की जानकारी ली। कलेक्टर ने कहा कि आवेदनों के निराकरण अथवा आवश्यक कार्यवाही और प्रक्रिया की जानकारी हितग्राही को ज़रूर दें जिससे उनमें आवेदन के निराकरण को लेकर किसी तरह का संशय ना रहे। इसके बाद कलेक्टर ने हितग्राही मंगलसाय से पेंशन प्रकरण के स्वीकृति पर कॉल पर बात की। इसी तरह कलेक्टर ने ग्राम पंचायत खोडरी के एक हितग्राही से सीमांकन के आवेदन के निराकरण पर बात की। हितग्राही ने बताया कि सीमांकन का कार्य राजस्व अमले के द्वारा पूर्ण कर लिया गया है। उल्लेखनीय है कि अब तक शिविर में पेंशन के 753 आवेदन मिले जिनमें से 431 प्रकरण स्वीकृत किया जा चुके हैं। शेष पर परीक्षण कर पात्र-अपात्र की कार्यवाही जारी है।
कलेक्टर ने बैठक में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से पेयजल की व्यवस्था हेतु हैंडपम्प सुधार के कार्य की प्रगति की जानकारी ली। ईई पीएचई ने बताया कि बीते 1 सप्ताह में 268 हैंडपम्प सुधारे गए हैं। ग्राम पंचायत छिंदिया में हैंडपम्प सुधार कार्य की पूर्णता की कलेक्टर ने स्वयं कॉल पर सचिव से पुष्टि की। कलेक्टर ने 15 अप्रैल की समयसीमा के भीतर सभी हैंडपम्प सुधार पूरा करने के कड़े निर्देश सीईओ जनपद पंचायत एवं पीएचई विभाग को दिए। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा से पेयजल आपूर्ति में भी सुव्यवस्था सुनिश्चित करें।
कलेक्टर श्री शर्मा ने कहा कि समाधान तुंहर दुआर में प्राप्त हर आवेदन के निराकरण की जानकारी ली जाएगी। हितग्राहियों से बात कर फीडबैक लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पेयजल, विद्युत व्यवस्था के सुचारू संचालन और ऑनलाइन मॉनिटरिंग के लिए गूगल शीट तैयार की गई है जहां सीईओ जनपद समस्या दर्ज करेंगे और विभाग निराकरण करेंगे। उन्होंने स्वयं मॉनिटरिंग किये जाने की बात भी कही। उन्होंने स्कूलों में मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता और मेनू के पालन पर भी चर्चा की और सख्त निर्देश देते हुए कहा कि मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता और मेनू के पालन अनिवार्य है। लापरवाही पाए जाने पर बीईओ, बीआरसी, सीएसी पर कार्यवाही की जाएगी।