रायपुर: मुख्यमंत्रीभूपेश बघेल की पहल पर राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में पर्यटन की संभावनाओं को देखते हुए विभिन्न स्थलों को चिन्हाकित कर पर्यटन के रूप में विकरित किया जा रहा है। इसी तारतम्य में स्वदेश योजना के तहत राज्य के वनाचंल क्षेत्र जशपुर – कुनकुरी – कमलेश्वरपुर – मैनपाट – महेशपुर – कुरदर – सरोधा दादर- गंगरेल – नथियानवागांव – कोण्डागांव – जगदलपुर – चित्रकोट – तीरथगढ़ को ‘ट्रायबल टूरिज्म सर्किट’ बनाने प्रथम फेस का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। इसकी लागत 94 करोड़ 23 लाख रूपए है।
पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि स्वदेश योजना के तहत ट्रायबल टूरिज्म सर्किट के लिए चिन्हाकित जशपुर को एथनिक पर्यटन ग्राम के रूप में विकसित किया गया है। वहीं कुनकुरी में मार्ग सुविधा केन्द्र, कमलेश्वपुर में इको एथनिक डेस्टीनेशन, मैनपाट में इको एथनिक डेस्टीनेशन – पर्यटन सुविधाएं, महेषपुर में मार्ग सुविधा केन्द्र, कुरदर में इको टूरिस्ट डेस्टीनेशन, सरोधा दादर में एथनिक पर्यटन ग्राम, गंगरेल में ईको एथनिक टूरिस्ट डेस्टीनेशन, नथियानवागांव में मार्ग सुविधा केन्द्र, कोण्डागांव में एथनिक पर्यटक ग्राम, जगदलपुर में एथनिक टूरिस्ट डेस्टीनेशन (लामनी पार्क – कैफैटेरिया पार्किंग), चित्रकोट में ईको एथनिक टूरिस्ट डेस्टीनेशन और तीरथगढ़ में ईको एथनिक टूरिस्ट डेस्टीनेशन (नेचर ट्रेल, सीढ़िया रेलिंग) के रूप में विकसित किया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि स्वदेश दर्शन योजना फेस-2 के अंतर्गत इको टूरिज्म सर्किट का कार्ययोजना तैयार कर लिया गया है। इस सर्किट में चिल्फी घाटी, अचानकमार-अमरकंटक घाटी एवं हसदेव बांगों डैम के सीमावर्ती क्षेत्र को शामिल किया गया है। प्रस्तावित योजना की लागत 81 करोड़ 26 लाख रूपए है।