अंबिकापुर: जिले में तीन और आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम की विद्यालय खुलेंगी। शासन की मांग पर जिला शिक्षा अधिकारी ने सरगुजा के तीनों ही विधानसभाओं के लिए एक-एक विद्यालय का चयन किया गया है। जिसमें अम्बिकापुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अम्बिकापुर ब्लॉक के केशवपुर में, लुंड्रा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अम्बिकापुर ब्लॉक के सोहगा में एवं सीतापुर विधानसभा अंतर्गत सीतापुर ब्लॉक के राजापुर में विद्यालय खोले जाने हेतु प्रस्ताव बना कर भेजा गया है। ज्ञात हो कि शासन की ओर से लगभग 50 नये और अंग्रेजी माध्यम विद्यालय खोले जाने की योजना है, जिसके तहत अम्बिकापुर ब्लॉक के शासकीय हाई स्कूल केशवपुर का भी चयन आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय हेतु किया गया है। केशवपुर में 1954 में विद्यालय की स्थापना हुई थी। वर्तमान में यहां पर कक्षा 1 से 10 वीं तक 386 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। यह ग्राम पंचायत प्रदेश के पंचायत एवं स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह देव का ग्राम है, यह उनका भंडार है, यहां पर उनकी पैतृक जमीन काफी मात्रा में हैं। हाई स्कूल के निर्माण के दौरान जमीन की आवश्यकता होने पर उन्होंने स्कूल के लिए जमीन भी दान की है। वर्तमान में निर्मित स्कूल एवं खेल ग्राऊँड का हिस्सा उनके जमीन पर है। वहीं सोहगा में 2000 में विद्यालय की स्थापना हुई थी, जहां कक्षा 1 से 10 वीं तक 201 बच्चे अध्ययनरत हैं। सीतापुर के राजापुर में 2011 में विद्यालय की स्थापना हुई जहां कक्षा 1 से 12 वीं तक विभिन्न संकायों में 696 बच्चे अध्ययनरत हैं। तीनों ही स्थानों पर उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय खोलने हेतु सरकार के मंशानुरूप भवन की उपलब्धता है। लगातार अंग्रेजी माध्यम विद्यालय की मांग को देखते हुए राज्य सरकार ने प्रदेश भर में लगभग 50 और अंग्रेजी माध्यम विद्यालय खोलने की घोषणा की है। जिसके तहत सरगुजा में तीन और विद्यालय खुलने हैं। जिसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी ने प्रस्ताव बना कर भेजा है। वर्तमान में खुले विद्यालयों में प्रवेश हेतु आवेदनों की भरमार एवं लोगों की मांग को देखते हुए पंचायत एवं स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंह देव की पहल पर अम्बिकापुर शहर के नजदीक एवं ग्राम पंचायत क्षेत्रों में 2 और विद्यालय केशवपुर एवं सोहगा में खुलेंगे। सरगुजा में तीन और अंग्रेजी माध्यम विद्यालय खुलने से यहां के बच्चों को सुविधा होगी। खासकर ऐसे परिवार जिनका सपना होता है अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम के विद्यालय में पढ़ाने का, ऐसे लोगों के लिए यह पहल काफी सकारात्मक है।