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छत्तीसगढ़। दुनियाभर के हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि हेल्दी डाइट और सही लाइफस्टाइल टाइप-2 डायबिटीज़ को रोकने में मददगार साबित होते हैं और जिन लोगों में इसका जोखिम होता है उन्हें भी बचाते हैं। विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि जिन लोगों को यह बीमारी है, उनमें स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम, के साथ जीवनशैली में कुछ अन्य बदलाव, मधुमेह के प्रबंधन और रक्त शर्करा को नियंत्रित रखने में मदद कर सकते हैं। हालांकि, जब बात आती है हेल्दी डाइट की, तो लोग इसे लेकर अक्सर कंफ्यूज़ हो जाते हैं।हालांकि, घर पर और साफ-सफाई से बनाए गए खाने को स्वस्थ्य माना जाता है, लेकिन कुछ ऐसी सब्ज़ियां, फल और फूड्स हैं, जो दूसरों की तुलना ब्लड शुगर को बोहतर तरीके से मैनेज कर पाती हैं। कुछ खाद्य पदार्थों में ऐसी कुछ विशेषताएं होती हैं, जो रक्त शर्करा को कम रखने और मधुमेह को नियंत्रित रखने में मदद करती हैं। ऐसी ही एक सब्ज़ी है कुंदरू, जिसे अंग्रेज़ी में आइवी गॉर्ड कहा जाता है। कुंदरू को कई नामों से जाना जाता है- जैसे तेंदला, टिंडोला, छोटी लौकी, तेला कुचा आदि इसके अन्य नाम हैं। कुंदरू एक छोटी, हरे रंग की सब्ज़ी है, जिसमें बीज भी होते हैं। इसे भारत और दुनिया के हिस्सों में खाना जाता है।
कुंदरू डायबिटीज़ को मैनेज करने में कैसे मदद करता है?
कुंदरू का उपयोग विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं जैसे मधुमेह, अस्थमा, कब्ज़, उच्च कोलेस्ट्रॉल और अन्य कई बीमारियों के एक उपाय के रूप में किया गया है। इस सब्ज़ी के स्वास्थ्य लाभों के बारे में बहुत सारे वास्तविक साक्ष्य उपलब्ध हैं, लेकिन कुंदरू से स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याओं का इलाज कैसे संभव है, यह पता लगाने के लिए वैज्ञानिक साक्ष्य, शोध और अध्ययन सीमित हैं।साल 2003 में किए गए एक शोध समीक्षा के अनुसार, यह पाया गया कि कुंदरू डायबिटीज़ के उपचार में सहायक और प्रभावी हो सकती है। समीक्षा में पाया गया कि अमेरिकी जिनसेंग और कुंदरू को उपचार में सबसे प्रभावशाली देखा गया। साल 2011 में एक अन्य शोध में पाया गया कि जिन लोगों ने खाने में कुंदरू का सेवन किया, उनके रक्त शर्करा का स्तर उन लोगों की तुलना में कम था, जिनके पास एक प्लेसबो था, जिससे यह साबित होता है कि कुंदरू रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में अहम भूमिका निभाता है।
डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए रामबाण साबित होता है कुंदरू
कुंदरू में फाइबर का मात्रा अच्छी होती है। फाइबर रक्त शर्करा के स्तर को कम रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कुंदरू में पानी की भी अच्छी मात्रा होती है, इसलिए इसका सेवन शरीर में पानी की कमी नहीं होने देता। अगर शरीर हाइड्रेट रहेगा तो यह सभी काम आसानी कर पाएगा। कुंदरू में काफी कम कैलोरी होती है, इसलिए यह वज़न को मैनेज करने में भी मददगार साबित होती है। टाइप-2 डायबिटीज़ की रोकथाम और उपचार में वजन बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।कुंदरू के अन्य फायदे
– इसमें एंटी-एडिपोजेनिक एजेंट मौजूद होता है, जो मोटापो को कंट्रोल करने में मदद करता है।
– कुंदरू में आयरन की भी अच्छी मात्रा होती है। आयरन की कमी से थकान महसूस होती है, ऐसे में अगर आप कुंदरू का सेवन करते हैं, तो कमज़ोरी या थकावट दूर रहेगी।
– कुंदरू में विटामिन और एंटी-ऑक्सीडेंट्स भी मौजूद होते हैं, जो तंत्रिक तंत्र को मज़बूत करने का काम करते हैं।
– थायमिन कार्बोहाइड्रेट को ग्लूकोज़ में परिवर्तित करने में मदद करता है, जो ऊर्जा का बहुत ही अच्छा स्त्रोत है, जिससे शरीर के स्वस्थ चयापचय को बनाए रखने में मदद मिलती है।
– कुंदरू का सेवन आपको किडनी स्टोन से भी बचा सकता है।