सूरजपुर: जिला कार्यक्रम अधिकारी चन्द्रवेश सिंह सिसोदिया के आदेश पर जिले के 28 सेक्टरों में पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समितियों को प्रशिक्षण प्रारम्भ किया गया है, जहां पर सरपंच, सचिव, आंगनबाड़ी कार्यक्रर्ताओं, सहायिकाओं, स्वयं सहायता समूह के अध्यक्ष, सचिव, मितानीन एवं किशोरी बालिकाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कार्यक्रम की नोडल अधिकारी सेक्टर पर्यवेक्षक को बनाया गया है। प्रशिक्षण में सभी को पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति के कार्य, उनके उपयोग, उनके अधिकार एवं बच्चों के लिए समिति के उत्तरदायित्व के संबंध में विस्तृत जानकारी दी जा रही है। साथ ही उपस्थित प्रतिभागियों को किशोर न्याय अधिनियम बाल विवाह, बालश्रम, बाल भिक्षावृत्ति, नशे से होने वाले नुकसान एवं किशोर न्याय अधिनियम में बच्चों के लिए नशे से बचाने के लिए कड़े प्रावधान के संबंध में भी बताया जा रहा है। धारा 77 एवं 78 में यदि कोई बच्चों को नशे में संलिप्त है तो उसे जबरजस्ती इस्तेमाल कराता है तो उसे सात वर्ष तक के सजा एवं एक लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान है। इसलिए बच्चों को नशे से बचाने का आह्वान किया गया है। साथ ही प्रशिक्षण में लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम (पाॅक्सो) की जानकारी दी जा रही है। गांव से हो रहे पलायन के संबंध में अत्रैतक मानव व्यापार की भी जानकारी प्रशिक्षण में दिया जा रहा है।

विधिक सेवा प्राधिकरण के वालेंटियर द्वारा निःशुल्क कानूनी सहयोग के संबंध में भी प्रशिक्षण में बताया जा रहा है। यूनिसेफ के कार्यकर्ता द्वारा बच्चियों के शरीर में होने वाले परिवर्तन एवं अन्य विषयों पर विस्तृत जानकारी दी जा रही है। अभी तक प्रशिक्षण देने में जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल, सामाजिक कार्यकर्ता अंजनी साहू, आउटरिच वर्कर हर गोविन्द चक्रधारी, पवन धीवर, पैरालिगल वालेंटियर सत्यनारायण सिंह, विकास प्रजापति, यूनिसेफ से जेपी वर्मा उपस्थित थे।

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