राजनांदगांव: सिर, हाथ-पैर कटी महिला की लाश के मामले में उसका पति ही कातिल निकला। अंबागढ़ चौकी थाना क्षेत्र के ग्राम गुंडरदेही में बरामद शव की शिनाख्त के बाद ही पुलिस ने संदेह के चलते आरोपी से पूछताछ शुरु कर दी थी। पूरा मामला पति-पत्नी की कलह के वीभत्स अंत का है।
पुलिस अधीक्षक प्रफुल्ल ठाकुर ने प्रेसवार्ता में इस वीभत्स हत्या का खुलासा किया। 18 जुलाई को हमें अंबागढ़ चौकी थाना क्षेत्र के ग्राम गुंडरदेही के तालाब में कई टुकड़ों में कटी हुई लाश की सूचना मिली थी। तालाब से अज्ञात महिला का धड़ बरामद किया गया था। सिर, पैर और हाथ गायब थे। तालाब से गोताखोरों की मदद से एक पैर और हाथ और बरामद किया गया था। पुलिस ने इस मामले में फोरेंसिक, डॉग स्क्वॉड की भी मदद ली थी।
तालाब के पास ही रहने वाले जगदीश साहू (36) ने 14 जुलाई को अपनी पत्नी पद्मनी साहू (32) की गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज कराई थी। पुलिस को संदेह हुआ तो उसने जगदीश के घर की तलाशी ली। यहां खून के दाग धोने के साक्ष्य मिले। लेकिन जगदीश से जब पूछताछ हुई तो उसने शव को पहचानने से इंकार कर दिया। इसके बाद पुलिस ने 19 जुलाई को उसके घर, दुकान और गोदाम की तलाशी ली जहां कई और सबूत मिले। पुलिस ने यहां से जेवर, कपड़े बरामद किए जिसके बाद हिरासत में लेकर पूछताछ शुरु की जिसके बाद मामले का खुलासा हुआ। पुलिस ने बताया कि तालाब में शव मिलने की सूचना भी जगदीश ने ही पुलिस को दी थी।
आरोपी की निशानदेही पर पुलिस ने मृतिका के पहने कपड़े, गहने, शरीर के अंग, घटना में प्रयुक्त टंगिया, आरीब्लेड आदि को बरामद कर लिया है। आरोपी के खिलाफ धारा 302, 201 के तहत मामला दर्ज कर आरोपी जगदीश साहू को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है।
गला दबाकर की हत्या
पुलिस की पूछताछ में टूटने के बाद जगदीश ने सारा गुनाह कबूल कर लिया। उसने बताया कि 12 जुलाई को बच्चों के स्कूल जाने के बाद घर पर ही उसका अपनी पत्नी से झगड़ा हो गया। गुस्से में उसने गला दबाकर पद्मनी की जान ले ली। शव को उसने अपने गोदाम में ही छिपा दिया। जब बच्चे घर आए तो उनसे कहा कि, उनकी मां मायके चली गई है।
टूकड़ों में काटा, दूसरी की चिता में सिर डाला
इसी रात जगदीश शव को कंधे पर टांगकर पास ही के तालाब लेकर गया। यहां उसने शव के सिर, हाथ और पैर टंगिए और आरी ब्लेड से काटकर अलग कर दिए। उसने सभी शरीर के सभी टुकड़ों को तार बांधकर, पेट में सरिया घुसाकर पानी में ही छिपाने की कोशिश की ताकि वह दिखे न। पद्मनी के सिर को उसने पास ही के श्मशान में दूसरे की जलती चिता में डाल दिया। शरीर से गहने उतारकर उसे घर में ही छिपाकर रख दिया। 14 जुलाई को उसने थाने पहुंचकर अपनी पत्नी की गुमशुदगी दर्ज करवा दी।
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