बलरामपुर: कलेक्टर विजय दयाराम के. ने जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता, अनुविभागीय अधिकारियों तथा उप अभियंताओं की बैठक लेकर विभाग में चल रहे निर्माणाधीन एवं प्रस्तावित योजनाओं की गहन समीक्षा की। उन्होंने लघु, मध्यम एवं वृहद परियोजनाओं की जानकारी लेते हुए सिंचित क्षेत्र, जलभराव की स्थिति तथा नये निर्माणाधीन परियोजनाओं के बारे में पूछा तथा निर्माणाधीन कार्यों को निर्धारित समय-सीमा में गुणवत्ता मानकों का पालन करते हुए पूर्ण करने के निर्देश दिये।
संयुक्त जिला कार्यालय भवन के सभाकक्ष में कलेक्टर विजय दयाराम के. ने विभाग द्वारा निर्मित योजनाओं की सिंचाई क्षमता बढ़ाने, बांधों में जल भराव को सुनिश्चित करने हेतु कैचमेंट ट्रीटमेंट का कार्य मनरेगा मद से श्रममूलक कार्य कराने के निर्देश दिये। विभागीय अधिकारियों ने विभिन्न परियोजनाओं जैसे खुटपाली, करासी, सिविलदाग जलाशय, डौरा जलाशय, सूर्या नाला, गागर फिडर योजना, गेउर व्यपवर्तन योजना के बारे में जानकारी देते हुए जिले को होने वाले लाभ के संबंध में अवगत कराया। कार्यपालन अभियंता जल संसाधन ने जिले के विभिन्न निर्माणाधीन, सर्वेक्षित, प्रस्तावित सिंचाई परियोजनाओं की जानकारी दी। साथ ही निर्माणाधीन योजनाओं द्वारा खरीफ एवं रबी के सिंचाई रकबे में होने वाली वृद्धि तथा निर्माण कार्य पूर्ण होने के समय-सीमा के बारे में बताया। प्रस्तावित नई सिंचाई योजनाओं के बारे में बताते हुए अनुमानित लागत की जानकारी दी। कलेक्टर श्री विजय दयाराम के. ने विभाग के विभिन्न योजनाओं के लिए किये गये भू-अर्जन के लंबित प्रकरणों का शीघ्र निराकृत करने के निर्देश दिये। लंबित भू-अर्जन प्रकरणों की विभागीय प्रक्रिया पूरी कर भू-अर्जन अधिकारी को 15 दिनों के भीतर जानकारी प्रस्तुत करने को कहा। उन्होंने मनरेगा के तहत् जलाशयों एवं बांधों का गहरीकरण एवं सुदृढ़ीकरण का कार्य कराने को कहा, साथ ही नहरों की सफाई एवं सुदृढ़ीकरण का कार्य मनरेगा मद से करने के निर्देश दिये।
कलेक्टर ने विभाग के उप-अभियंताओं से संबद्ध विभिन्न व्यपवर्तन योजनाओं, जलाशयों की समीक्षा करते हुए निर्माणाधीन कार्यों में गुणवत्ता मानकों को ध्यान में रखते हुए पूर्ण करने को कहा। निर्माण कार्यों में संलग्न एजेन्सियों, ठेकेदारों से संबंधित कोई समस्या है तो आवश्यक कार्यवाही कर पुनः निविदा प्रक्रिया पश्चात कार्य प्रारंभ कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि वन विभाग से संबंधित क्षेत्रों में निर्माण कार्यों के लिए विभागीय अधिकारी से समन्वय स्थापित कर नियमानुसार अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त उपरान्त कार्य प्रारंभ करें।