बिलासपुर: शहर की फिजा रोज खतरनाक होती जा रही है आये दिन चाकू बाजी की घटना,मारपीट,हत्या,लूटपाट जैसे अपराध हो रहे है पूरे शहर में डर का माहौल सा हो गया है लेकिन पुलिस को इन सबसे जैसे कोई लेना देना नही अपराध रुकने का नाम नही ले रहा है और दूसरी तरफ पुलिस राजस्व के मामलो में मलाई ढूढने का काम कर रही है ?

बिलासपुर के अन्य थानों की जगह सरकंडा थाना जिसके अंतर्गत सबसे ज्यादा अपराध के मामले हो रहे है वही थाना प्रभारी , मोपका चौकी प्रभारी राजस्व मामले की शिकायतो में ज्यादा वयस्त नजर आते है राजस्व के मामलों में इतना व्यस्त हो जाते है कि उन्हें अन्य शिकायत दिखाई ही नही दे रही है इसलिए इस थाने के अंतर्गत अपराध रुकने का नाम ही नही ले रहा है, मोपका चौकी प्रभारी तो सुबह 5 बजे अपने लाव लश्कर के साथ राजस्व प्रकरण की जांच के नाम पर एक राजस्व के प्रशासनिक अधिकारी को उठा लेते है और दिनभर थाने में बिठाये रखते है शाम को गिरफ्तारी शो करते है और उसे जेल भेज देते है, (राजस्व अधिकारी के भाई ने बताये अनुसार बता रहे है कि सुबह5 बजे 8 ,10 पुलिस उनके भाई राजस्व अधिकारी के घर आये और उन्हें अपने साथ थाने लाये) ,मोपका चौकी प्रभारी राजस्व के मामलों पर जांच इतनी तेजी से करते है कि मत पूछो आप एक शिकायत भर राजस्व की लेकर जाओ वो तुरन्त उसकी जांच में लग जायेंगे आखिर राजस्व मामलों की जाँच में इतनी तेजी आती कैसे है ये तो मोपका प्रभारी ही बता पाएंगे वही दूसरी घटना पत्नी से परेशान पति ने एसपी कार्यालय के सामने आत्मदाह की कोशिश की वो भी इसी सरकंडा का मामला है मामला सरकंडा थाना क्षेत्र का है। जबड़ापारा निवासी युवक अमितेश मिश्रा ने अपनी पत्नी और ससुराल वालों पर ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि उसने लव मैरीज की है। शादी के बाद एक महीने से पत्नी घर से गायब है। पुलिस से कई बार गुहार लगा चुका है। सरकंडा थाना में गुमशुदगी का मामला भी दर्ज है। उनकी पत्नी रायपुर के पुरानी बस्ती में रहती है और उसने दूसरी शादी कर ली है। पुलिस भी कोई मदद नहीं कर रही है। पत्नी और उसके परिवार वाले जेल भेजने की धमकी दे रहे हैं। पत्नी से प्रताड़ित होकर आत्महत्या करने एसपी दफ्तर आया हूं। ऐसी न जाने कितनी शिकायत है जिसकी जांच इतनी तेजी से क्यो नही हो पाती ये समझ में नही आ रहा है अपराध आखिर कैसे कम होगा पुलिस की इस प्रकार के कार्य से इस थाने क्षेत्र में अपराधियों के हौसले बुलन्द हो रहे है और अपराध कम होने का नाम नही ले रहा है।

पुलिस अधीक्षक पारुल माथुर हर चार छः महीने में सरकंडा थाना प्रभारी बदल रही है वो अपने स्तर में प्रयास तो भरपूर कर रही है लेकिन जो भी सरकंडा थाना जाता वो अपराध की संख्या तो कम नही कर पाता लेकिन राजस्व की मलाई ढूढने में जरूर व्यस्त हो जाता है ऐसा हम इसलिए कह रहे है कि अपराध कम नही हो रहे है ओर थाना प्रभारी के साथ मोपका चौकी प्रभारी राजस्व की शिकायतों पर जांच में इतने व्यस्त हो जा रहे है उन्हें बाकी दूसरे काम दिखाई ही नही दे रहे है।

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