सूरजपुर: मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान मुख्यमंत्री की महत्वकांक्षी योजना है। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का मुख्य उद्देश्य 6 माह से 3 वर्ष के बच्चों एवं 15 से 49 वर्ष की एनीमिक महिलाओं को लाभान्वित करना है। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान 2 अक्टूबर 2019 से प्रारंभ किया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य 06 वर्ष तक के बच्चों को कुपोषण से मुक्त करना है, कुपोषण एवं एनीमिया को दूर करने के लिये शासन द्वारा वर्तमान में संचालित योजनाओं में कमी की पहचान कर उसे दूर करना भी योजना का मुख्य उद्देश्य है, अतः 6 माह से 3 वर्ष तक के कुपोषित बच्चों को भी अतिरिक्त पोषण आहार गरम भोजन, पौष्टिक खिचड़ी के रूप में दिया जाना उचित होगा। आँगनबाड़ी केन्द्रों में दर्ज 6 माह से 3 वर्ष के कुपोषित बच्चों को बढ़ती उम्र में गर्म भोजन की ज्यादा आवश्यकता है, जो उन्हें विभाग द्वारा संचालित योजनाओं से नहीं मिल पा रहा है। आँगनबाड़ी केन्द्रों में दर्ज 6 माह से 3 वर्ष के कुपोषित बच्चों को गर्म भोजन, पौष्टिक खिचड़ी उपलब्ध कराकर स्वास्थ्य में सुधार लाया जा सकता है, इस तारतम्य में वर्ष 2019-20 से मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का संचालन किया जा रहा है।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में कलेक्टर इफ्फत आरा के निर्देशन एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी चन्द्रबेश सिंह सिसोदिया के मार्गदर्शन में प्रति परियोजना 100 सुपोषण प्रदर्शन केन्द्रों का चयन कर जिले के 7 परियोजनाओं में कुल 700 सुपोषण प्रदर्शन केन्द्र का संचालन किया जा रहा है। सुपोषण प्रदर्शन केन्द्र में 6 माह से 3 वर्ष के 5000 बच्चों एवं 15 से 49 वर्ष की 8000 एनीमिक महिलाओं को पौष्टिक खिचड़ी खिलाया जा रहा है। व्यवहार परिवर्तन हेतु पोषण एवं एनीमिया संबंधी अनेक विषयों पर प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाता है। जिले में 0 से 5 वर्ष के कुपोषित बच्चों हेतु स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से स्वास्थ्य कैम्प का आयोजन किया जा रहा है जिसमें बच्चों की स्वास्थ्य जाँच के साथ-साथ आवश्यक दवाईयाँ भी उपलब्ध कराई जा रही है। जिले में इस वित्तीय वर्ष में अब तक कुल 225 स्वास्थ्य शिविर का आयोजन कर लगभग 13000 कुपोषित बच्चों को लाभान्वित कराया गया है। जिला सूरजपुर के 3 एनआरसी केन्द्र सूरजपुर, विश्रामपुर एवं भैयाथान में 233 गंभीर कुपोषित बच्चों को भर्ती कराते हुये नियमानुसार लाभान्वित कराया गया है।