कुंदन गुप्ता:
कुसमी: जनपद पंचायत के सभी 77 ग्राम पंचायतों में सरपंचों के अनिश्चितकालीन हड़ताल के चलते कार्य ठप्प हो गया है। प्रदेश भर में सरपंचों ने कार्य का बहिष्कार कर दिया है, जिससे विकास कार्यों पर ब्रेक लग गया है। सरपंच संघ अपनी 13 सूत्रीय मांगों को लेकर 8वें दिन भी आंदोलन जारी रखे हुए हैं। इस बीच जिला पंचायत सदस्य हीरामुनी निकुंज ने सरपंच संघ की हड़ताल का समर्थन देते हुए सरकार से सरपंचों की समस्या को हल करने की मांग की।
सरपंच संघ अध्यक्ष बसंती भगत ने बताया कि आंदोलन अनवरत जारी रहेगा और अगर उनकी 13 सूत्रीय मांगे नहीं मानी गई तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। सरपंच संघ ने अपनी 13 सूत्रीय मांगों को लेकर जनपद पंचायत के सामने धरना प्रदर्शन कर हड़ताल कर छत्तीसगढ़ शासन के खिलाफ़ जमकर नारेबाजी की। वही जिला पंचायत सदस्य हीरामुनी निकुंज ने भी हड़ताली सरपंचो को अपना समर्थन देते हुए उनकी माँगो को जायज बताया है। हड़ताल में सरपंच संघ उपाध्यक्ष मनबहाल, रामलगन राम, महामंत्री सुनिता भगत, इंदू पैकरा, महेश्वरी भगत, सुखराम पैकरा, दशरथ राम, देवनाथ राम पहाड़ी, सांसद प्रतिनिधि अशोक सोनी, इंद्रदेव निकुंज, सहित हड़ताली सरपंच उपस्थित रहें।
ये है प्रमुख मांगे
कोरोना काल की वजह से दो वर्ष तक कार्यकाल बढ़ाने, प्रधानमंत्री आवास में दो लाख वृद्धि की जाए। सरपंचों का मानदेय की राशि 20 हजार रुपये, उपसरपंच का दस हजार रुपये और पंचों के मानदेय में पांच हजार रुपये की वृद्धि की जाए। साथ ही सरपंचों का आजीवन पेंशन दस हजार रुपये, सरपंच निधि एवं धारा 40 का तत्काल संशोधन किया जाए। इसके अलावा मनरेगा में निर्माण सामग्री का भुगतान तीन माह के अंदर होना चाहिए। नक्सल क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा सरपंचों को मारे जाने पर 20 लाख रुपये मुआवजा परिवार के सदस्यों को दिए जाने समेत अन्य विभिन्न मांगे प्रमुख हैं।