आशीष कुमार गुप्ता


अंबिकापुर/सेदम: जिला कलेक्टर कुंदन कुमार के आदेश के बाद भी हैंडपंप मरम्मत पीएचई अधिकारियों से नहीं करा सका, जिससे ग्रामीणों को दूषित हैंडपंप पानी पीने को मजबूर कर दिया है।

गौरतलब है कि पिछले हफ्ते भर से ग्राम पंचायत सेदम के उरांवपारा ,बावापारा में डायरिया का प्रकोप है, जहां जिला कलेक्टर के निर्देशानुसार अस्थाई अस्पताल और आपातकाल के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था किया गया है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के द्वारा लगाए गए शिविर में स्वास्थ्य अधिकारी पी एस सिसोदिया के द्वारा लोगों को उरांव पारा स्थित हैंडपंप के दूषित पानी को पीने के लिए मना किया गया था, लेकिन हैडपंप मरमत के अभाव में दूषित पानी पीने को ग्रामीण मजबूर है,पिछले तीन महीनो से उरांव पारा स्थित 2हेंडपंप खराब अवस्था में पड़ा हुआ है, जबकि सेदम बस स्टैंड और खालपारा के जाम पेड़ नीचे का हैंडपंप महीने भर से खराब पड़ा हुआ है, जिसका मरमत पीएचई विभाग नहीं करा पाया है ,जिससे कलेक्टर महोदय का आदेश भी पीएचई अधिकारियों द्वारा धज्जियां उड़ाई जा रही है।और उरांव पारा और बावा पारा में उल्टी दस्त का खतरा बरकरार है जहा स्वास्थ विभाग की टीम स्थिति सुधारने में लगी हुई है।

ज्ञात हो की पूरे बतौली विकासखंड के 54 गांव में हैडपंप मरमत हेतु पीएचई विभाग बेबस नजर आ रहा है, विभाग के पास हैंडपंप मरम्मत हेतु पाईप और अन्य सामग्री की कमी है, जबकि मरमत हेतु सिर्फ 3 कर्मचारियों पर ही पूरे बतौली विकासखंड की जवाबदारी है
पीएचई अधिकारियों द्वारा छोटे कर्मचारियों को फटे हुए पाईप को ट्यूब रबर से बांध कर काम चलने की बात कही जाती है ,जिससे छोटे कर्मचारियों पर संसाधन की कमी से हैंडपंप का मरम्मत करना मुस्किल हो जाता है।

शासन द्वारा लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद पीएचई विभाग की लापरवाही लोगो के लिए मुसीबत बनी हुई है।जिसके कारण डायरिया से पीड़ित ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल हेतु तरसना पड़ रहा है।

Leave a reply

Please enter your name here
Please enter your comment!