सूरजपुर: ऐसे अधिकारी-कर्मचारी कई बार रिश्वत लेते रंगे हाथ धरे भी गए हैं लेकिन वे अपनी करतूतों से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सूरजपुर जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय से सामने आया है। यहां पदस्थ सहायक ग्रेड-2 ने निजी स्कूल को 3 साल की मान्यता देने के बदले 15 हजार रुपए की डिमांड की थी। इसकी शिकायत स्कूल संचालक ने एसीबी से की थी। शिकायत पर एसीबी की टीम ने प्लान बनाकर क्लर्क को 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों धरदबोचा। आरोपी क्लर्क के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है।

गौरतलब है कि सूरजपुर के वार्ड क्रमांक 4 नमदगिरी रोड निवासी रफी असारी पिता.अमीन अंसारी 31 वर्ष द्वारा रामानुजनगर के ग्राम साल्ही में गुरुकुल विद्यापीठ स्कूल का संचालन वर्ष 2020 से किया जा रहा है। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के निर्देशानुसार विद्यालय के पंजीयन का नवीनीकरण अनिवार्य रूप से किए जाने के निर्देश पर उसने 2021-22 के मान्यता के नवीनीकरण हेतु कार्यालय में आवेदन दिया था, जो वर्तमान में लंबित है।मान्यता नवीनीकरण के लिए उसने डीईओ कार्यालय सूरजपुर में पदस्थ सहायक ग्रेड-2 जुगेश्वर प्रसाद से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि 1 वर्ष की मान्यता के लिए 10 हजार रुपए लगेंगे। यदि 3 साल का कराओगे तो 15 हजार रुपए में कर दूंगा। इधर निजी स्कूल संचालक ने डीईओ कार्यालय के बाबू का पकड़वाने एसीबी अंबिकापुर में शिकायत की।

निजी स्कूल संचालक की शिकायत पर एसीबी अंबिकापुर की टीम ने मामले का सत्यापन किया और क्लर्क को पकडऩे योजना बनाई। तय प्लान के अनुसार एसीबी की टीम ने 8 सितंबर को निजी स्कूल के संचालक को केमिकल लगा 15 हजार रुपए दिए। जैसे ही संचालक ने क्लर्क को रुपए दिए, वहां पहले से मौजूद एसीबी की टीम ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

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