बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के मीनापुर थाने में पुलिस ने प्रेमी जोड़ों की शादी करवा दी। प्रेमी की शादी दूसरी जगह तय होने के पश्चात् प्रेमिका ने थाने पहुंचकर सहायता की गुहार लगाई थी। तत्पश्चात, थानेदार राजेश कुमार ने पहल करके घरवालों की रजामंदी से पंडित को बुलाकर युवक-युवती के सात फेरे करवा दिए। थाने में ही शादी की सभी रस्में पूरी की गईं। दोनों के घरवाले, ग्रामीण और पुलिसकर्मी इस घड़ी के गवाह बने। विवाह बंधन में बंधने के बाद लड़का अपनी पत्नी को लेकर घर चला गया।
दरअसल, युवती किरण को खबर प्राप्त हुई कि उसके प्रेमी अविनाश की शादी दूसरी जगह हो रही है। उसने घर से भागकर शादी करने की बात अविनाश से कही। मांगा लड़के ने माता-पिता का दिल दुखाकर शादी करना मुनासिब नहीं समझा। लड़के ने दिल पर पत्थर रखकर घर से भागकर शादी करने की बात से मना कर दिया। जब किरण को कोई रास्ता नहीं सूझा तो वह मीनापुर थानेदार राजेश कुमार के पास सहायता के लिए पहुंच गई। थानेदार के सामने लड़की ने अपने संबंध का सबूत भी दिखाया। कई तस्वीर भी दिखाए। थानेदार ने भी अपने स्तर से पता किया। मामला सही पाया गया।
तत्पश्चात, पुलिस अफसर राजेश कुमार ने लड़का और उसके परिजन सहित लड़की के परिजन को थाने बुलाया। लड़की की बात से सभी को अवगत कराया। मगर लड़का पक्ष ,तैयार नहीं हुआ। फिर थानेदार ने कानूनी कारवाई करने की बात कही। उन्होंने बताया कि लड़की केस करना चाहती है। यदि आप लोग एक साथ नहीं हुए तो फिर एफआईआर दर्ज की जाएगी। परिजनों को थानेदार ने दोनों के रिश्ते के बारे में भी बताया। तब जाकर लड़का और लड़की पक्ष दोनों शादी को तैयार हुए। तुरंत पंडित बुलाया गया। सब इंतजाम किए गए तथा दोनों की शादी करवाई गई। थानेदार ने बताया कि मीनापुर के नेउरा गांव का अविनाश (22) अपने ही गांव की किरण (19) से बीते 4 वर्ष से प्रेम करता था। दोनों ने साथ जीने मरने की कसमें खा रखी थी। मगर लड़के के परिजनों को ये रिश्ता मंजूर नहीं था। उन लोगों ने अविनाश की शादी मोतिहारी की एक लड़की से तय कर दी। अगले महीने शादी होने वाली थी। मगर लडकी की शिकायत पर दोनों परिवारों की काउंसलिंग गई तथा उनकी रजामंदी से प्रेमी-प्रेमिका को हमेशा के लिए एक-दूसरे का साथी बना दिया गया।