रायपुर: छत्तीसगढ़ में किसानों से समर्थन मूल्य पर 11 लाख 73 हजार 240 मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई है। धान के एवज में 3 लाख 43 हजार 162 किसानों को लगभग 2466 करोड़ रूपए की राशि बैंक लिकिंग व्यवस्था के तहत् भुगतान कर दिया गया है। राज्य सरकार की धान खरीदी के समुचित व्यवस्था के चलते किसान उत्साह के साथ धान खरीदी केन्द्रों में पहुंच रहे हैं। धान बेचने के लिए अब उन्हें लम्बा इंतजार नहीं करना पड़ रहा है। धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग के लिए धान का उठाव निरंतर चल रहा है। अब तक 5 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव समितियों से किया जा चुका है। सरकार द्वारा इस वर्ष 110 लाख मीट्रिक टन धान उपार्जन का अनुमान है।
राज्य सरकार द्वारा धान बेचने वाले किसानों की सुविधा के लिए टोकन तंुहर हाथ एप बनाया गया है। इसके जरिए किसान ऑनलाइन टोकन प्राप्त कर सकते हैं इसके अलावा मेन्युअल तरीके से अग्रिम में टोकन दिया जा रहा है, जिसके फलस्वरूप किसानों का धान सुविधाजनक ढंग से खरीदने का काम हो रहा हैं।
खाद्य विभाग के सचिव टोपेश्वर वर्मा ने बताया कि 22 नवंबर को 38 हजार 451 किसानों से 1 लाख 28 हजार 569 मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई है, इसके अलावा ऑनलाइन प्राप्त टोकन के जरिए किसानों से 20 हजार 107 मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीदी की गई। आगामी दिवस की धान खरीदी के लिए 48 हजार 925 टोकन तथा टोकन तुंहर हाथ एप के जरिये 7265 टोकन ऑनलाइन जारी किए गए हैं।
खाद्य सचिव श्री वर्मा ने बताया कि पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी धान खरीदी के साथ-साथ धान का उठाव लगातार हो रहा है। अब तक 8 लाख 46 हजार 831 मीट्रिक टन धान के उठाव के लिए डी.ओ. जारी किए गए हैं, जिसके एवज में उपार्जन केंद्रों से 5 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव हो चुका है।
खाद्य सचिव ने बताया कि समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए चालू सीजन में प्रदेश में 25.92 लाख किसानों का पंजीयन हुआ है, जिसमें लगभग 2.21 लाख नये किसान है। राज्य में धान खरीदी के लिए 2560 उपार्जन केन्द्र बनाए गए हैं। इस साल किसानों से सामान्य धान 2040 रूपए प्रति क्विंटल तथा ग्रेड-ए धान 2060 रूपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जा रहा है। अधिकारी धान खरीदी व्यवस्था पर निरंतर निगरानी रखे हुए हैं। सीमावर्ती राज्यों से अवैध धान परिवहन को रोकने के लिए चेक पोस्ट के जरिए कड़ी निगरानी रखी जा रही है।