जगदलपुर: छत्तीसगढ़ के बस्तरवासी अब रेल लाइन की मांग को लेकर आर पार की लड़ाई के मूड में हैं। शनिवार को स्थानीय रेल प्रांगण में रावघाट, जगदलपुर रेल लाइन के अलावा अन्य यात्री ट्रेनों की सुविधा को लेकर रेल आंदोलन समिति के अलावा यहां के 72 समाज के लोग और एक दर्जन से अधिक अन्य संस्थाओं व नगर के प्रबुद्धजन सांकेतिक धरने में शामिल हुए।
सभी वक्ताओं ने इस पर जोर दिया कि बस्तर के विकास के लिए आवागमन की सुविधाएं जरूरी हैं । आजादी के बाद से बस्तर हमेशा छला ही जाता रहा। जबकि बस्तर के लोग संविधान में पूरी आस्था रखते हुए शांतिपूर्ण ढंग से अपनी मांगे रखते आये हैं।लेकिन शायद सरकार को शांतिपूर्ण तरीके से की गई मांग रास नहीं आती । वह तोड़ फोड़ और हिंसा की कार्रवाई की मंशा से ग्रसित लगती है । क्योंकि जब दूसरे राज्यों के लोग पटरी उखाड़ ट्रेनों में आगजनी करते हैं तब तत्काल उंनकी मांग मान ली जाती है । अब बस्तर वासी इस तरह के रवैयों से त्रस्त हो गई है और न चाहते हुए भी उसे बस्तर से जाने वाले लोहे की खेप रोकनी होगी जो देश के लिए आर्थिक रूप से नुकसानदायक होगी।