मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर: छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों मे महिलाओं एवं युवतियों को स्व सहायता समूह के रूप मे गठित कर उन्हें स्वरोजगार से जोड़ा जा रहा है, आर्थिक गतिविधियों में संलग्न महिलाएं स्वावलम्बन की दिशा में आगे बढ़ समाज मे नई पहचान बना रहीं हैं।
बिहान से जुडकर समूह की महिलाएं सफलता की नयी कहानियां लिख रही है। इन महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे है जिसके सफल परिणाम भी सामने आ रहे हैं। मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के विकासखंड मनेन्द्रगढ के ग्राम पिपरिया मे रोशनी स्व सहायता समूह में गांव की 11 महिलाएं जुड़ी हुई हैं। समूह की अध्यक्ष इन्जोनिया बतातीं हैं कि बिहान से जुड़ने से पूर्व कृषि ही एकमात्र हमारे आजीविका का साधन था, योजना से जुडने के उपरांत हमने मुर्गी पालन करने का कार्य प्रारम्भ किया, जिससे हमें अपने लिए आजीविका का एक नया माध्यम प्राप्त हुआ। पशु चिकित्सा विभाग से अभिसरण द्वारा समूह को चूजे उपलब्ध कराए गए। मात्र दो माह में ही समूह द्वारा 11 हजार लागत से 35 हजार रूपए का व्यवसाय किया गया, जिसमें से 21 हजार रुपए शुद्ध लाभ प्राप्त हुए हैं।
समूह की सचिव संगीता ने बताया कि गतिविधि को प्रोत्साहन देने हेतु महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना सेे अभिशरण द्वारा मुर्गी शेड का निर्माण कराया गया है। पहले हमारे पास जगह की बड़ी कमी थी पर गौठान में इस संसाधन के बन जाने से मुर्गी पालन करना बेहद आसान हो गया।