कवर्धा: पत्रकार एवं आरटीआई कार्यकर्ता विवेक चौबे के 41 दिनों से लापता रहे मामले की गुत्थी सुलझाते हुए पुलिस ने विवेक की हत्या करने वाले मुख्य आरोपी अमित यादव सरपंच बोक्करखार सहित 3 सह आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में पुलिस अधीक्षक डॉ लाल उम्मेद सिंह ने बताया कि गुमशुदा पत्रकार एवं आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या कर आरोपियों ने घने जंगल मे शव को जला दिया था और गुमशुदा की मोटर सायकल को भी 3 टुकड़े कर घने जंगल में गड्ढे खोदकर दबा दिया था। वहीं आरोपियों ने लगातार पुलिस को दिगभर्मित करने का प्रयास भी करते रहे। पूरे मामले में 4 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
उल्लेखनीय है कि थाना कवर्धा, जिला कबीरधाम में 16 नवंबर को रूपेश चंद्रवंशी ने रिपोर्ट दर्ज कराया था, कि इसके परिचित के मित्र एवं सहकर्मी पत्रकार एवं आरटीआई कार्यकर्ता विवेक चौबे पिता स्व. नंदकिशोर चौबे दिनॉंक 12 नवंबर से अपने घर से बिना बताये कहीं चला गया है। इस रिपोर्ट के आधार पर थाना कवर्धा में गुम इंसान क्रमांक 131/22 कायम कर जांच में लिया गया।सायबर सेल से गुमशुदा के मोबाईल नंबर की जांच एवं उसके आने जाने वाले रास्ते में लगे सीसीटीव्ही कैमरा की बारिकी से विश्लेषण कराये जाने निर्देशित किया गया। मोबाईल नंबर की कॉल डिटेल प्राप्त कर विश्लेषण करने गुम इंसान विवेक चौबे 12 नवंबर को ग्राम कुण्डपानी थाना चिल्फी की ओर जाना तथा 13 नवंबर एको उसका मोबाईल करीबन् 02/00 बजे बोड़ला क्षेत्र के सुकवापारा में बंद होने की जानकारी मिली। तब बोड़ला एवं चिल्फी के क्षेत्रों में जाकर पतासाजी किया गया।
इसी बीच 21 नवंबर की शाम को गुमशुदा की बहन ने पुलिस को अवगत कराया कि किसी अज्ञात मोबाइल नंबर से इसके पास गुमइंसान विवेक चौबे के संबंध में फोन कॉल प्राप्त हुआ है। पतासाजी कर धारक से फोन कॉल के संबंध में पुछताछ किया गया। मोबाईल धारक द्वारा भी किसी अनजान दो व्यक्तियों ने किसी से बात करने के लिए फोन मांग कर बात करना बताया।जिले के घनघोर वनाचंल एवं नक्सली क्षेत्र ग्राम बोक्करखार, कुण्डपानी के क्षेत्र से जुड़े होने की संभावना पर पुलिस अधीक्षक कबीरधाम ने पुनः अलग-अलग पुलिस टीम गठित कर तकनीकी विश्लेषण एवं सूचना तंत्रो से प्राप्त जानकारी को अद्यतन किये जाने पार्टी बनाई गई। इसी बीच पुलिस टीम को विशेष मुखबीर से सूचना मिली कि धवईपानी से कुण्डपानी की ओर जाने वाले रास्ते पर फारेस्ट के पेट्रोलिंग कैम्प के अंदर जंगल पहाड़ी की ओर जले हुए राख का ढेर है, जिसमें हड्डियो के टुकड़े दिखाई दे रहे हैं। वहाँ जाने पर प्रथम दृष्टया मानव हड्डी जैसे प्रतीत हुआ व किसी को जलाये जाने की आषंका व्याप्त हुई। जिस पर मौके में ही शून्य पर मर्ग कायम कर जांच में लिया जाकर शव पंचनामा कार्यवाही उपरांत हड्डियो के परीक्षण के लिए मेकाहारा रायपुर भेजा गया।
यह भी जानकारी प्राप्त हुई कि गुमशुदा विवेक चौबे को बोक्करखार सरपंच अमित यादव ने संभवतः हत्या कर जला दिया है, कि उक्त सूचना के आधार पर वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में गठित टीम द्वारा मुखबीर के बताये जानकारी के आधार पर संदेही सरपंच अमित यादव, नंदलाल मेरावी, सुखसागर यादव एवं जगदीश धुर्वे को तलब कर अलग-अलग पुछताछ किया गया। संदेहियो द्वारा काफी घंटे तक पुलिस को गुमराह करने का प्रयास किया गया।
सरपंच अमित यादव ने बताया कि 12 नवंबर को लगभग पांच बजे पत्रकार विवेक चौबे उससे मिलने ग्राम बोक्करखार आया था। जो शाम-रात तक साथ में रहे, रात्रि के समय आपसी बातचीत में दोनों के मध्य विवाद होने से गुस्से में आकर उसे मुक्का से मारा जिससे वह अपने मोटर सायकल से गिर गया फिर विवेक चौबे उठने का प्रयास किया तो पास रखे लाठी/गेड़ा से उसके पैर व सिर में जोरदार प्रहार किया जिससे वह फिर गिर गया। जिसे पास जाकर देखा तो उसकी श्वांस नहीं चली रही थी। जिससे वह घबरा कर अपने भाई सुखसागर यादव एवं अपने गांव के अन्य नंदलाल मेरावी और जगदीश धुर्वे को बुलाकर पत्रकार विवेक चौबे के शव को ठिकाना लगाने के लिए गांव से दूर जंगल की ओर ले जाकर पहाड़ी में उसके शव को पास पड़े लकड़ियो के मदद से जला दिया और मोटर सायकल को भी छिपाने के लिए अपने साथियों को बोला। जिसपर सुखसागर यादव और नंदलाल मेरावी ने मोटर सायकल को जंगल में और दूर ले जाकर गड्डा खोदकर गाड़ी को गड्डे में डाल कर पाट दिये है तथा उसके मोबाईल को अपने पास रख लिया। फिर रात्रि को जंगल खेत में ही बने स्थान में रूककर सुबह अपने घर आ गया।दूसरे दिन 13 नवंबर को अपने गांव के अन्य व्यक्ति को कवर्धा में काम है कहकर अपने साथ लेकर आया और ग्राम कुण्डपानी, चिल्फी होते हुए बोड़ला आये वहां अमित यादव ने पत्रकार विवेक चौबे के मोबाईल से वकील को पुलिस को गुमराह करने के लिए कॉल किया फिर कवर्धा आकर रूक कर दूसरे दिन अपने गांव गया।