रायपुर। होली के चलते छह दिनों बाद छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र सोमवार से फिर शुरू हो गया। आरक्षण विधेयक पर सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर हंगामा हुआ। हंगामा के चलते सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।
छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के छठवें दिन सदन में कोंडागांव में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग में जिला निर्माण समिति के तहत कराए गए कार्यों में गड़बड़ी का मुद्दा प्रश्नकाल के दौरान उठा। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सह विधायक मोहन मरकाम ने ये मुद्दा उठाते हुए अपनी ही सरकार को घेरा। उन्होंने डीएमएफ के पैसे के बंदरबांट का आरोप लगाया । मोहन मरकाम ने विधानसभा की समिति से जांच कराने की मांग की। मंत्री रविन्द्र चौबे ने मामले को गंभीर बताते हुए राज्य स्तर के अधिकारी से एक महीने में जांच कराने और दोषियों पर कार्रवाई की घोषणा की।
मोहम मरकाम ने कहा कि 7 करोड़ रुपये डीएमएफ के पैसे का बंदरबांट हुआ है। एक ही अधिकारी कई विभागों के पदों पर डंटे हैं। मामले की सदन की कमेटी से जांच की मांग की। नेता प्रतिपक्ष ने भी सदन की कमेटी से जांच की मांग की। मोहन मरकाम ने कहा कि डीएमएफ का बंदरबांट किया गया है।
मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा- गंभीर मामले को उठाया है। हमने उत्तर दिया है। अरुण कुमार शर्मा, एक्जीक्यूटिव इंजीनियर वहां अधिकारी हैं। मोहन मरकाम ने कहा- 7 करोड़ का बंदरबांट हुआ है। क्या अधिकारी पर कार्रवाई करेंगे? विधानसभा की कमेटी से जांच कराएंगे क्या?
मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा- कलेक्टर किसी को नोडल अधिकारी बना सकते हैं। राज्य स्तर के अधिकारी को भेज कर मामले की जांच कराई जाएगी। एक महीने के अंदर जांच रिपोर्ट आएगी। जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषी अधिकारी पर कार्रवाई होगी।