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बेंगलुरु: कर्नाटक में गुरुवार को एक रैली के दौरान भगवान राम को माला पहनाने के लिए BJP के एक MLA उनकी मूर्ति पर ही चढ़ गए. इसके बाद कोई मौका नहीं गंवाते हुए राज्य में विपक्षी कांग्रेस ने भगवान राम का अपमान करने के लिए भाजपा विधायक की आलोचना का एक अभियान ही छेड़ दिया है. कर्नाटक कांग्रेस के ट्विटर अकाउंट से इस घटना का एक फोटो शेयर किया गया है. इस घटना के एक वीडियो में देखा जा सकता है कि कर्नाटक के बीदर जिले में बसवकल्याण सीट से विधायक शरणू सालागर भगवान राम की मूर्ति को माला पहनाने के लिए मूर्ति पर ही चढ़ गए.
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सोशल मीडिया पर शेयर किए गए वीडियो में विधायक सालागार भगवान राम की प्रतिमा पर चढ़कर उस पर एक बड़ी माला डालते हुए दिखाई दे रहे हैं और वे कुछ सेकंड के लिए वहीं रुक जाते हैं. वह प्रतिमा पर हाथ जोड़कर और तस्वीरों के लिए पोज देते हुए भी दिखाई दे रहे हैं. कांग्रेस पार्टी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी के हिंदुत्व के दावे और भगवान राम के प्रति भक्ति पर सवाल उठाया है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा नेता ने भगवान राम का अपमान किया है. गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने बुधवार को कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तारीख की घोषणा कर दी. कर्नाटक में 10 मई को इलेक्शन होंगे और मतगणना 13 मई को होगी.
ಶ್ರೀರಾಮನ ಕಾಲಿನ ಮೇಲೆ ನಿಂತ ಬಸವಕಲ್ಯಾಣ ಶಾಸಕರು ಎಂದು ವೈರಲ್ ಆದ ಪೋಟೋದ ಅಸಲಿಯತ್ತು ಇಲ್ಲಿದೆ.
— Ritam ಕನ್ನಡ (@RitamAppKannada) March 31, 2023
ಶಾಸಕರು ಪ್ರತಿಮೆಗೆ ಹೂವಿನ ಹಾರ ಹಾಕಲು ಮೇಲೆ ಏರಿದ್ದು, ಬಳಿಕ ಕೆಳಗಿಳಿದು ಪ್ರತಿಮೆಗೆ ನಮಸ್ಕರಿಸಿ, ಆರತಿ ಬೆಳಗಿದ್ದಾರೆ.#KarnatakaElections2023 #Basavakalyan #sharanusalagar #Karnataka @salagar_sharanu pic.twitter.com/lCKh1a2CpV
विधानसभा के चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच आमने-सामने की लड़ाई होने की उम्मीद है. हालांकि दोनों पार्टियों ने अभी तक अपना आधिकारिक चुनाव घोषणापत्र जारी नहीं किया है, लेकिन कई प्रमुख मुद्दे हैं जो राज्य में मतदान को प्रभावित कर सकते हैं. इस हफ्ते की शुरुआत में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि इस बार भाजपा का चुनावी घोषणापत्र ‘लोगों का घोषणापत्र’ होगा. राज्य में अपनी सत्ता बरकरार रखने की कोशिश में भाजपा सरकार कन्नडिगा, लिंगायत और वोक्कालिगा आरक्षण पर ध्यान केंद्रित कर रही है. बीजेपी सरकार मुसलमानों के लिए धर्म आधारित आरक्षण को खत्म कर रही है. बीजेपी सरकार ने पिछले हफ्ते मुसलमानों को ओबीसी सूची से बाहर करने और उन्हें 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस कोटा के तहत रखने का फैसला किया है. मुस्लिमों को ओबीसी सूची के तहत जो 4 प्रतिशत आरक्षण मिला था, उसे अब वोक्कालिगा और लिंगायत के बीच बराबर-बराबर बांट दिया जाएगा.