नई दिल्ली: महिलाओं को लेकर राजधानी दिल्ली के शाहबाद डेयरी इलाके में 16 साल की लड़की की सनसनीखेज हत्या ने पूरे देश का दिल दहला दिया है। कहते हैं कि समाज में जो होता है, फिल्में उसका आईना होती हैं। पर्दे पर कई बार ऐसी घटनाएं और किस्से दिखाए जाते हैं, जो सच्ची घटनाओं पर आधारित होते हैं। वहीं, फिल्मों में दिखाया जाने वाला खून-खराबा आज के समय में काफी बढ़ गया है।

लव जिहाद की कथित घटनाओं को लेकर भ्रामक सूचनाएं किस तरह किसी निर्दोष की जान जोखिम में डाल सकती है, हाल ही में आई एक वेब सीरीज ‘दहाड़’ इस पर रोशनी डालती है। अभिनेता विजय वर्मा ने इस क्राइम थ्रिलर में एक सीरियल किलर की भूमिका निभाई है। वेब सीरीज में विजय वर्मा का करैक्टर किसी राक्षस से कम नहीं दिखाया गया है।

आपको बता दें कि विजय वर्मा द्वारा निभाई गई भूमिका पूरी तरह से काल्पनिक नहीं है। बल्कि यह वास्तविक जीवन के सीरियल किलर मोहन कुमार उर्फ साइनाइड मोहन के साथ कई समानताएं रखती है।

कौन है साइनाइड मोहन?

साइनाइड मोहन, जिसका असली नाम मोहन कुमार है, एक कुख्यात भारतीय सीरियल किलर है।

पीड़ितों को साइनाइड से जहर देकर मारने के कारण उसका नाम “साइनाइड” रखा गया।

कैसे रचता था मौत का खेल ?

मोहन 20 से 30 उम्र की अविवाहित लड़कियों को पहले प्यार का झांसा देता फिर उनका विश्वास हासिल करता और उसके बाद उनसे साथ शादी कर लेता था।

शादी के बाद वह उन लड़कियों को उनके शहर से दूर लेकर जाता था। फिर किसी होटल में फर्जी पहचान पत्र पर ठहरता था।

मोहन कुमार हर लड़की से अपना नाम अलग-अलग बताता था।

लड़कियों के साथ एक रात होटल में गुजारता था। शारीरिक संबंध बनाने के बाद अगले दिन उन्हें वो गर्भनिरोधक गोलियां देता था।

सायनाइट वाली दवा खाने के बाद, मोहन मौत की बात कन्फर्म होने पर होटल या लॉज लौटता और महिला से जुड़ी निशानियां नष्ट कर देता था।

मोहन लड़कियों को मौत के घाट उतारने के बाद उनके गहने और सामान लेकर घटनास्थल से भाग जाता था।

माना जाता है कि साइनाइड मोहन ने कम से कम 20 युवतियों की हत्या की थी। हालांकि, पीड़ितों की सही संख्या इससे भी अधिक हो सकती है, क्योंकि कुछ मामले अनसुलझे या अज्ञात रहे। सुनंदा नाम की एक पीड़िता की मौत की जांच के बाद मोहन का राक्षसी चेहरा दुनिया के सामने आया।

कर्नाटक पुलिस द्वारा व्यापक जांच के बाद 2009 में मोहन को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया था। उसकी गिरफ्तारी से उसके आपराधिक गतिविधियों का खुलासा हुआ और कई पीड़ितों की पहचान हुई। मुकदमे के दौरान, पीड़ित की पहचान, फोरेंसिक रिपोर्ट और गवाहों की गवाही जैसे सबूत पेश किए गए, जिससे उसका अपराध साबित हुआ।

17 दिसंबर, 2013 को साइनाइड मोहन को कर्नाटक के मंगलुरु में तीसरे अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायालय ने कई महिलाओं के बलात्कार, हत्या और डकैती के लिए दोषी ठहराया था। अदालत ने उसे उसके जघन्य अपराधों के लिए मौत की सजा सुनाई। इसके बाद, उन्होंने कर्नाटक उच्च न्यायालय में फैसले की अपील की, लेकिन 2017 में उनकी अपील खारिज कर दी गई। आपको बता दें कि मोहन कुमार अपना केस खुद ही लड़ रहा था।

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