आशीष कुमार गुप्ता
अंबिकापुर/बतौली: अंबिकापुर टू पत्थलगांव राष्ट्रीय राजमार्ग 43 के लुचकि घाट के जर्जर अवस्था लोगों के लिए परेशानियों का सबब बना हुआ है, वही एनएच विभाग के उदासीन रवैया लोगों की जान से खिलवाड़ करने पर तुले हुए है। लेकिन एनएच विभाग के जिम्मेदार अधिकारी पिछले 7 वर्षों से लुचकि घाट की जर्जर अवस्था होने के बावजूद अब तक कोई ठोस उपाय नहीं किया गया है।
गौरतलब है कि अंबिकापुर टू पत्थलगांव राष्ट्रीय राजमार्ग 43 में हर रोज हजारों वाहन आवागमन कर रहे है जिन्हे लुचकि घाट चढ़ायी की जर्जर अवस्था से गाड़ी का संतुलन खो देते है और वाहन पीछे होकर दुर्घटना का शिकार हो जाते है खासकर के बाईक सवार लोंगो पे हर वक़्त घाट चढ़ायी के
दौरान दुर्घटना का खतरा मंडराते रहता है और कई बाइक सवार तो बड़ी वाहनों की चपेट मे आते आते बच जाते है ।
ओभर ब्रिज की धीमी निर्माण गति से इस बार भी बरसात में सुगम मार्ग के लिए लोंगो को तरसना पड़ेगा। लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी ठेकेदार की लापरवाही से ओभर ब्रिज का निर्माण कार्य समय अवधि में पुरा नही हो सका है । जबकि एन एच के जिम्मेदार अधिकारी अपनी हठधर्मिता के चलते लुचकि घाट चढ़ाई का मरम्मत कार्य ठीक ढंग से नहीं किया गया जिसके परिणाम स्वरूप आज लुचकि घाट की चढ़ायी बड़े गड्ढों में तब्दील और धूल के गुब्बारों से अटा पड़ा है जहां आवागमन करना खतरों से खाली नहीं है फिर भी मामले की जानकारी होने के बावजूद ना ही जिम्मेदार ठेकेदार और ना ही जिम्मेदार अधिकारी कोई ठोस कदम उठा रहे हैं जो एक गंभीर विषय बना हुआ है।
खाद्य मंत्री और बड़े अधिकारियों के आश्वासन भी नाकाम – खाद्य मंत्री अमरजीत भगत द्वारा भी ओवरब्रिज निर्माण कार्य और अधूरे सड़क के निर्माण कार्य हेतु कई बार शीघ्र निर्माण के लिए निर्देशित कर चुके हैं लेकिन एनएच के आला अधिकारी अभी भी कुंभकराड़िये नींद में सो रहे हैं और ठेकेदार भी पूरा लाभ उठाते हुए निर्माण कार्य का सिर्फ कोरम पूरा कर रहे हैं जिसका खामियाजा क्षेत्रवासियों को भुगतना पड़ रहा है।
आज भी अंबिकापुर से पत्थलगांव तक सड़क निर्माण कार्य में जितने भी पुल -पुलिया का निर्माण हुआ है वहां पर लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी नए पुल में बना गड्ढा बाइक सवारों के लिए काल बना हुआ है जहां कितने ही बाइक सवार गिरकर अस्पताल पहुंच चुके हैं लेकिन अब तक इस मामले पर अपराध काम नहीं किया गया है और कितने ही लोगों की जान जा चुकी है। अब निर्माण कार्य भगवान भरोसे लटका पड़ा है।