बलरामपुर: जिले को प्लास्टिक मुक्त बनाने और लोगों को स्वच्छता का संदेश देने के लिए आज अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत एक दिवसीय सिंगल यूज प्लास्टिक एकत्रीकरण अभियान का आयोजन किया गया।
इस दौरान संसदीय सचिव एवं सामरी विधायक चिन्तामणी महाराज एवं कलेक्टर रिमिजियुस एक्का की उपस्थिति में जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा श्रमदान किया गया एवं रैली निकालकर एक दिवसीय सिंगल यूज प्लास्टिक एकत्रीकरण अभियान की शुरूआत की गई।
स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत कलेक्टर रिमिजियुस एक्का के नेतृत्व एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रेना जमील के मार्गदर्शन में जिले की विभिन्न ग्राम पंचायतों में सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रतिबंध हेतु जागरूकता गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में आज अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर अभियान के दौरान महाराज, कलेक्टर एक्का, पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेद सिंह, जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती रेना जमील ने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों, गणमान्य नागरिकों, अधिकारी-कर्मचारियों के साथ स्वामी आत्मानंद हिन्दी माध्यम विद्यालय के आस-पास खुले क्षेत्र में पड़े प्लास्टिकों को एकत्र कर कूड़ेदान में डालकर स्वच्छता स्वच्छता का संदेश दिया है।
स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के द्वारा आयोजित इस जागरूकता अभियान के अंतर्गत आज जिले के विभिन्न क्षेत्रों में जनप्रतिनिधियों, स्व-सहायता समूह की महिलाओं, राजीव युवा मितान के सदस्यों के साथ-साथ ग्रामीण जनों एवं अन्य लोगों के द्वारा जिले भर के विभिन्न चौक-चौराहों, बाजारों, धार्मिक स्थलों के साथ-साथ शासकीय भवनों के निकटस्थ क्षेत्रों से लगभग 950 किलोग्राम सिंगल यूज प्लास्टिक का एकत्रीकरण किया गया। जिले के विभिन्न ग्राम पंचायतों में योग के पश्चात स्वच्छता संगोष्ठी का आयोजन कर प्लास्टिक प्रतिबंध के प्रति लोगों को जागरूक किया गया।
इस जागरूकता अभियान को चलाने का उद्देश्य प्लास्टिक के दुष्परिणाम को बताना है कि प्लास्टिक के अपघटन में कई वर्ष लग जाते हैं, यह पर्यावरण प्रदूषण का प्रमुख कारण बन गया है। प्लास्टिक को जलाने पर यह भारी मात्रा में विषैले धुंए को उत्सर्जित कर पर्यावरण को प्रदूषित करता है, इतना ही नहीं प्लास्टिक का ज्यादा इस्तेमाल कैंसर का कारण बन सकता है, खासकर प्लास्टिक की पॉलिथीन में रखी गरम चीज खाने या पीने से इसकी आशंका बढ़ जाती है। कई रिसर्च में यह साबित हुआ है कि प्लास्टिक में बिस्फिनॉल (बीपीए) नाम का केमिकल होता है। प्लास्टिक में कैडमियम, पारा आदि जैसे रसायन का मिश्रण होता है जिससे मानव शरीर के सीधे संपर्क में आने से कैंसर जैसी बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।
प्लास्टिक की रोकथाम के लिए सामुदायिक जागरूकता सबसे अहम कदम है। समुदाय का हर व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी तय करे कि हमें दैनिक कार्य में कम से कम सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग करना है इसके स्थान पर अन्य विकल्पों को प्राथमिकता देना है। साथ ही सिंगल यूज प्लास्टिक के रियूज पर भी हमें जागरूक होने की आवश्यकता है। इसके आलावा जीव जंतुओं पक्षियों पर भी प्लास्टिक के दुष्परिणामों को देखा जा सकता है। गाय बैल बकरी के द्वारा प्लास्टिक की पॉलीथिन खाने से बड़ी संख्या में मृत्यु हो रही हैं, ठीक उसी प्रकार पक्षियों एवं जल जीवन पर भी सिंगल यूज प्लास्टिक मृत्यु का कारण बन रहा है। समुद्री जीवों के लिए भी प्लास्टिक गंभीर खतरा उत्पन्न कर रहा है।