रायपुर: मानसून के आगमन के साथ ही कोरबा जिले के किसान खेती-किसानी के कार्य में व्यस्त हो गए हैं। जिले में धान सहित अन्य फसल किसान खरीफ सीजन में लेते हैं। शासन द्वारा किसानों को समय पर खाद एवं वर्मी कम्पोस्ट वितरण की कार्यवाही की जा रही है। कलेक्टर कोरबा श्री संजीव कुमार झा द्वारा भी अधिकारियों को विशेष निर्देश दिए गए हैं कि जिले के किसानों को समय पर खाद बीज उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। उनके द्वारा खाद-बीज वितरण एवं भण्डारण की जानकारी भी लगातार ली जा रही है। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक कोरबा के नोडल अधिकारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में पर्याप्त मात्रा में खाद का भण्डारण है।

अधिकारियों ने बताया कि 05 जुलाई की स्थिति में कोरबा जिले के डबल लॉक केन्द्रों में 309 मीट्रिक टन नीम यूरिया भण्डारित है, जिसमें से कटघोरा खाद भण्डारण केन्द्र में 240 मीट्रिक टन एवं उरगा खाद भण्डारण केन्द्र में 70 मीट्रिक टन नीम यूरिया उर्वरक उपलब्ध है। 7 और 8 जुलाई को मेसर्स एन.एफ.एल. द्वारा अकलतरा रेक प्वाईंट पर लगने वाली नीम यूरिया उर्वरक की रेक से 250 मीट्रिक टन यूरिया की आपूर्ति की जाएगी। 8 जुलाई को मेसर्स इफको द्वारा बिलासपुर रेक प्वाईंट पर लगने वाली नीम यूरिया उर्वरक की रेक से 100 मीट्रिक टन यूरिया की आपूर्ति की जाएगी।

जिले के किसानों को समय पर खाद का वितरण किया जा रहा है। यूरिया दानेदार के वैकल्पिक रूप में नैनो यूरिया समितियों में भण्डारित है। इसे प्राप्त करने किसानों द्वारा रूचि भी दिखाई जा रही है। नोडल अधिकारी ने बताया कि खरीफ वर्ष 2023 अंतर्गत कोरबा जिले में 10200 मीट्रिक टन रासायनिक खाद लक्ष्य के विरुद्ध 84 प्रतिशत खाद का भण्डारण 41 सहकारी समितियों में अब तक किया जा चुका है। साथ ही जिले में यूरिया दानेदार के वैकल्पिक रूप में नैनो यूरिया (लिक्विड) 5700 लीटर भण्डारित किया गया है। यूरिया दानेदार के वैकल्पिक रूप में उपलब्ध नैनो यूरिया (लिक्विड) के प्रति किसानों का रूझान बढ़ रही है। समितियों में पर्याप्त मात्रा में सभी रासायनिक खाद उपलब्ध है, जिसका उठाव कृषकों द्वारा अपनी सुविधा एवं आवश्यकता अनुसार किया जा रहा है, जिन समितियों में यूरिया एवं अन्य खाद की कमी है उन समितियों में भंडारण हेतु आरओ/आरडी जारी करवाये जा रहे हैं। विगत वर्ष इसी समय तक 68 प्रतिशत खाद भण्डारित था, जबकि वर्तमान में लक्ष्य के विरूद्ध 84 प्रतिशत खाद का भण्डारण समितियों में अब तक किया जा चुका है। किसी कृषक को खाद नहीं मिलने जैसी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।

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