सूरजपुर: ग्राम पंचायत बसदेई के गौठान व शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बसदेई में राज्य योजना आयोग के अध्यक्ष डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम की उपस्थिति में छत्तीसगढ के किसानो की मूल पारपंरिक त्यौहार हरेली और 16 तरह के पारंपरिक खेलो के महाकुंभ छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की शुरुआत हुई। सर्वप्रथम मुख्य अतिथि द्वारा गांव के बैगा की उपस्थिति में परपंरागत रूप से किसानों द्वारा कृषि के लिए उपयोग में आने वाले कृषि यंत्रो की पूजा की गई व क्षेत्र की खुशहाली और अच्छी फसल के लिए कामना की गई। उसके पश्चात उन्होंने गौमाता की पूजा कर, गौ माता को चारा खिलाया। इस अवसर पर गौठान में आए हुए जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के द्वारा आम के पौधे का पौधारोपण भी किया गया।

इसके साथ ही हरेली के इस पावन त्यौहार पर खेलों के महाकुंभ छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की शुरूआत हुई, जोकि शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बसदेई में संपादित हुआ। जिसमें भाग लेने वाले प्रतिभागियों का जोश अपनी चरम सीमा में दिखाई दिया। सभी आयु वर्ग के खिलाड़ी कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी, बिल्लस, फुगडी इत्यादि खेल को ऐसे खेल रहे थे, जैसे कोई प्रोफेशनल खेलता हो। छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में 16 प्रकार के खेल एकल व दलीय दो श्रेणियों में शामिल है। जिसमें इस बार एकल श्रेणी में रस्सीकूद व कुश्ती को भी जोड़ा गया है।

राज्य योजना आयोग के अध्यक्ष डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बसदेई में उपस्थित सभी अतिथिगण को पहले तो हरेली की हार्दिक शुभकामनाएं दी और उसके बाद वहां उपस्थित खिलाड़ियों को छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में खेल भावना के साथ प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए कहा। उन्होंने कहा मोबाइल क्रांति के इस युग में यदि आप अच्छे स्वास्थ्य और स्वस्थ मन को प्राप्त करना चाहते हैं तो खेल के इस महाकुंभ में विजेता बनने के लिए जोर लगाएं और खेल का आनंद लें। इसके साथ इन्होंने आज के दिन सभी उपस्थित जनों से अपील की कि वो पौधारोपण अवश्य करें ताकि छत्तीसगढ़ सदैव हरा भरा रहे।

इस अवसर पर संसदीय सचिव पारसनाथ रजवाड़े भी उपस्थित थे। उन्होंने भी उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए हरेली को छत्तीसगढ़ वासियों का प्रथम त्यौहार बताया और लोक कला और संस्कृति के संरक्षण के लिए शासन के हर कदम को सकारात्मक और दूरदर्शी बताया। इसके साथ ही उन्होंने छत्तीसगढ़िया ओलंपिक से पारंपरिक खेलों को मिलने वाले महत्व की भी सराहना की।

इस कार्यक्रम में सरगुजा क्षेत्र के आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष खेल साय सिंह भी उपस्थित थे। उन्होंने भी सभी को हरेली त्यौहार और छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की बधाई दी। उन्होंने कहा आज हरेली के अवसर पर सभी किसान अपनी अच्छी फसल के लिए भगवान के साथ-साथ अपने कृषि यंत्रों की और गायों की पूजा कर रहे हैं। इससे निःसंदेह ही उन्हें अच्छी फसल प्राप्त होगी। छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के माध्यम से शासन ने पारंपरिक खेलों को भी विलोपित होने से बचाया है, इसलिए आपका और हमारा कर्तव्य है कि हम इसमें अपनी सहभागिता प्रदर्शित कर, छत्तीसगढ़िया ओलंपिक को जीवंत बनाए।

कलेक्टर संजय अग्रवाल ने मंच पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए बताया कि पिछले वर्ष छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेल में जिले के 2790 लोगों ने अलग-अलग आयु वर्ग में विभिन्न स्तर पर जीत हासिल कर मेडल प्राप्त किये थे। और जिले के प्रतिभागियों को 31 लाख रुपए की राशि भी प्राप्त हुई थी। इसके साथ ही उन्होंने छत्तीसगढ़िया ओलंपिक को शासन की सबसे महत्वपूर्ण पहल में से एक बताया।

प्रतियोगिता की शुरूआत राजीव युवा मितान क्लब से – छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक की शुरूआत राजीव युवा मितान क्लब से की गई है। जिसके अंतर्गत जिले में कुल 497 राजीव युवा मितान क्लब व 67 जोन शामिल है। आयोजन ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में सबसे पहले राजीव युवा मितान क्लब स्तर पर प्रतियोगिता 17 जुलाई से 22 जुलाई तक नॉकआउट पद्धति से होगा। वहीं दूसरा स्तर जोन है, जिसका आयोजन 26 जुलाई से 31 जुलाई तक होगा। विकासखंड एवं नगरीय क्लस्टर स्तर पर आयोजन 7 अगस्त से 21 अगस्त तक होगा। जिला स्तर पर आयोजन 25 अगस्त से 04 सितंबर तक होगा। संभाग स्तर पर आयोजन 10 सितंबर से 20 सितंबर तक होगा और अंतिम में राज्य स्तर खेल प्रतियोगिताएं 25 सितंबर से 27 सितंबर तक आयोजित होंगी।

छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का हिस्सा प्रत्येक आयु वर्ग के प्रतिभागी- छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक में आयु वर्ग को तीन वर्गों में बांटा गया है। इसमें प्रथम वर्ग 18 वर्ष की आयु तक, दूसरा वर्ग 18-40 वर्ष आयु सीमा तक और तीसरा वर्ग में 40 वर्ष से अधिक उम्र के प्रतिभागी शामिल हैं। प्रतियोगिता में महिला एवं पुरुष दोनों वर्ग में प्रतिभागीयों ने उत्साह के साथ भाग लिया।

इस कार्यक्रम कार्यक्रम में जिला पंचायत उपाध्यक्ष नरेश राजवाड़े, जिला पंचायत सदस्य दुर्गा प्रसाद सारथी, कुलदीप बिहारी अन्य जनप्रतिनिधी व जिला पंचायत सीईओ लीना कोसम के साथ- साथ अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।

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