बलरामपुर: उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की रोकथाम अधिनियम से संबंधित विषय पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त तत्वावधान में जिला आडिटोरियम भवन बाजारपारा में एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला सह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में अपर कलेक्टर एस.एस. पैकरा, डिप्टी कलेक्टर राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के अधिकारी-कर्मचारी, महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों की उपस्थिति रहे।
कार्य स्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न के प्रति जागरूकता से संबंधित कार्यशाला में कामकाजी महिलाओं का यौन उत्पीड़न संबंधी रोकथाम, निषेध और निवारण अधिनियम 2013 के बारे में उपस्थित जनों को विस्तृत रूप से अवगत कराया गया। इस अवसर पर शॉर्ट फिल्म दिखाकर महिलाओं को यौन उत्पीड़न एवं उसके विरूद्ध बनाए गए कानून के संबंध मे जानकारी दी गई। कार्यक्रम में मुख्य न्यायायिक मजिस्ट्रेट श्री पंकज आलोक तिर्की ने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाओं को यौन उत्पीड़न से सुरक्षा प्रदान करने के लिए कानून बनाया गया है जिसके बारे में सभी महिलाओं को अवश्य जानकारी होनी चाहिए। कानून के प्रावधानों को उल्लेखित करते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार के ऐसे उत्पीड़न से बचाव के लिए महिलाओं को आगे आकर लड़ना होगा। उन्होंने खुशी जाहीर करते हुए कहा कि आज महिलाएं पहले की तुलना में अपने अधिकारों के प्रति अधिक सजग हुई हैं और अपने अधिकारों को लेकर खुलकर सामने आई हैं।
जिला न्यायालय के अपर सत्र न्यायधीश श्री आशीष पाठक द्वारा उपस्थित लोगों को कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न की रोकथाम के बारे में बताते हुए सवैधानिक एवं कानूनी अधिकारों को उल्लेखित किया। उन्होंने कहा कि पितृसत्तात्मक समाज के कारण आज भी महिलाएं अपने ऊपर हो रहे जुल्मों को सहन कर रहीं हैं। उन्होंने महिला अधिकारों के प्रति जागरूकता को आवश्यक बताते हुए महिलाओं को अपने हितों के संरक्षण के लिए प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम में समाज की महिलाओं की सुरक्षा, कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न पर लागू होने वाले विभिन्न कानूनों के बारे में जागरूकता के साथ-साथ ऐतिहासिक निर्णयों पर भी चर्चा की गई।