कोरबा: नगर पालिक निगम की सियासत गरमा गई है। महापौर के खिलाफ भाजपा पार्षदों ने मोर्चा खोल दिया है। उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने भाजपा पार्षदों ने आवेदन किया है। 30 भाजपा पार्षदों के हस्ताक्षरमय अविश्वास प्रस्ताव ज्ञापन कलेक्टर सौरभ कुमार को सौंपा है। साथ ही भाजपा नेताओं ने दावा किया कि निर्दलीय व कुछ कांग्रेसी पार्षदों का भी उन्हें समर्थन है।गुरूवार को भाजपा जिला अध्यक्ष डॉ.राजीव सिंह, पूर्व सभापति पूर्व जिलाध्यक्ष अशोक चावलानी, नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल के नेतृत्व में भाजपा पार्षदों ने कलेक्टर को महापौर राजकिशोर प्रसाद के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने ज्ञापन सौंपा।

पूर्व सभापति, पूर्व जिलाध्यक्ष अशोक चावलानी ने कहा कि महापौर विश्वास खो चुके हैं। उनके खिलाफ भाजपा के 30 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव लाने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। भाजपा ही नहीं बल्कि निर्दलीय व कांग्रेसी पार्षद भी उनके संपर्क में है, और महापौर को जल्द ही पद से हटाएंगे।
भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ राजीव सिंह ने कहा कि भाजपा ही नहीं निर्दलीय और कांग्रेस पार्षदों के वार्ड में विकास कार्य नहीं हो रही है। जिसे लेकर निर्णय लिया गया कि महापौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा। मेरे संपर्क में अभी कोई कांग्रेसी पार्षद नहीं है, लेकिन मुझे विश्वास है कि बहुत सारे कांग्रेसी पार्षद भी उनसे असंतुष्ट चल रहे हैं। मुझे भरोसा है कि वे भी हमारे पक्ष में वोट करेंगे।

नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल ने कहा कि शहर में विकास कार्य पूरी तरह ठप पड़े हैं, महापौर कुंभकरणीय की नींद में सोए हुए हैं। उनको जनता के सुख – दुख से कोई मतलब नहीं है। नगर निगम क्षेत्र की जनता को महापौर के ऊपर अब विश्वास नहीं रहा। महापौर कभी भी निगम कार्यालय में उपलब्ध नहीं होते है। सडक़ो के निर्माण में भ्रष्टाचार का बोल बाला है। महापौर के विरुद्ध फर्जी जाति प्रमाण पत्र का मामला लंबित है। नई स्ट्रीट लाइट नहीं आ रही है, जो पुरानी खराब लाइटें हैं वह भी खराब पड़ी , कई महीनों से एवं बनाई नहीं जा रही है। पार्षद निधि 10 लाख रुपये की घोषणा की गई थी, किन्तु आज तक केवल 7 लाख तक के ही प्रस्ताव लिए जा रहे हैं। नल जल योजना के तहत 24 घंटे पानी सप्लाई करना था, लेकिन लोगों को 30 मिनट पानी भी बड़ी मुश्किल से मिल पाता हैं। केंद्र सरकार के करोड़ों रुपये भ्रष्टाचार की बलि चढ़ चुके है। सडक़ों पर आवारा पशु बैठे रहते हैं जिससे आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। आवारा पशुओं से संबंधित योजनाएँ सिर्फ और सिर्फ कागजों में ही हैं। बारिश का मौसम है मच्छर बहुत ज्यादा होते हैं। पिछले दो-तीन सालों से फॉगिंग मशीन खराब पड़ी हुई है किसी भी वार्ड में धुआं छिडक़ाव नहीं हो रहा है। सभी वार्डों में जितने सफाई कर्मचारी नियुक्त होने चाहिए उसके आधे ही कम कर रहे हैं। उनके पास समुचित संसाधन भी नहीं है जैसे पर्याप्त मात्रा में फावड़ा, जूते,रिक्शा सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है। निगम द्वारा नियमितीकरण को लेकर लगातार तानाशाही की जा रही है जो कि सरासर गलत है। नगर निगम द्वारा स्वच्छता शुल्क संपत्तिकर के साथ जोडक़र लिया जा रहा है, जो कि सरासर गलत है, प्रदेश के अन्य नगर निगम में स्वच्छता शुल्क संपत्तिकर के साथ जोडक़र नहीं लिया जाता। अवैध संपत्तिकर वसूलने के लिए गलत तरीके से सर्वे कराया जा रहा है। चुनाव के पूर्व कांग्रेस ने घोषणा की थी कि सभी को स्थायी पट्टा दिया जाएगा, जो कि महापौर का चुनावी जुमला ही साबित हुआ, जिसके कारण आम जनता को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। नगर निकाय अधिनियम अंतर्गत प्रत्येक 2 माह में निगम की सामान्य सभा बुलाई जाती है किंतु महापौर अब सदन में चर्चा करने से बचते आ रहें हैं। जिसके कारण शहर का विकास ठप पड़ा हुआ है। कांग्रेस ने अपने जन घोषणा पत्र में शहरी क्षेत्र में संपति कर 50 प्रतिशत कम करने की घोषणा की थी जो कि आज तक पूरा नहीं हो पाया है। भाजपा पार्षदों ने कहा कि विगत कुछ माह पूर्व महापौर को उनके स्वयं की वार्ड की जनता ने कचरा गोदाम में बंद कर दिया था। महापौर से लगातार अटल आवास की जर्जर व्यवस्था को दूर करने के लिए मरम्त करने की मांग की जा रही है, किंतु आज तक महापौर ने कभी इस ओर कोई सार्थक प्रयास नहीं किया है। जेसीबी, स्वीपिंग मशीन वार्डों में उपलब्ध नहीं हो पा रहे है। कोरबा नगर निगम में पैसों की बर्बादी- बड़े बड़े भवन बनवा दिए गये है, जो सफेद हाथी की तरह है किंतु आज भी वार्ड में मूलभूत सुविधाओं का आभाव है, महापौर भेदभाव कर रहे हैं। महापौर वित्तीय व्यवस्था करने एवं वित्तीय प्रबंधन करने में असक्षम है। चुने हुए अपने लोगो के केवल 3-4 वार्डो में ही कार्य करा रहे है। कही बाढ़ तो कही सूखा है। महापौर का उनके स्वयं के निर्वाचित वार्ड क्रमांक 14 में भारी विरोध है, उनके ही वार्ड के लोगों ने उनके निवास का घेराव किया था। जब महापौर के ही वार्ड की जनता का उन पर से विश्वास पूरी तरह उठ चुका है तो शहर की जनता उनका विश्वास कैसे करें ये बहुत बड़ा प्रश्न है। जिसे लेकर अंतत: अधिनियम 2019 की धारा 23 (क) के अंतर्गत महापौर पर अविश्वास व्यक्त करते हुए महापौर के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव को पारित करने हेतु सम्मेलन तत्काल आहूत किए जाने और अग्रिम कार्यवाही किए जाने का निवेदन किया गया है। जिसमें भाजपा के 30 पार्षदों के हस्ताक्षर युक्त पत्र सौंपा गया है।

इस दौरान जिला योजना समिति सदस्य पार्षद कमला देवी बरेठ, पार्षद क्रमशः ऋतु चौरसिया, भानुमति माधव जायसवाल, ममता बालिराम साहू, पुराइन बाई कंवर, पुष्पा कंवर, आरती विकास अग्रवाल, धनश्री अजय साहू, नरेंद्र देवांगन, बुधवार साय यादव, अनिता सुकुन्दी यादव, शैल बाई राठौर, प्रभावती सुधार साय चौहान, अजय गौड़, कविता नारायण राजपूत, फिरतराम साहू, नारायण महंत, प्रतिभा निखिल शर्मा, सुफल दास, चंद्रलोक सिंह, तरुण राठौर, गोलू पांडेय, नर्मदा लहरे, गंगा भारद्वाज सहित भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित रहें।

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