नई दिल्ली: देश के 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्रचीर से राष्ट्र को संबोधित किया। अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने देश के युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि देश में अवसरों की कोई कमी नहीं है। देश में अनंत अवसर प्रदान करने की क्षमता है।

राष्ट्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने एक कविता सुनाई। उन्होंने कहा, “चलता चलाता कालचक्र, अमृत काल का भालचक्र, सबके सपने अपने सपने, पनपे सपने सारे। धीर चले वीर चले, चले युवा हमारे। नीति सही, रीति नई, गति सही राह नई। चुनो चुनौती सीना तान… जग में बढ़ाओ देश का नाम।”

पीएम ने कहा कि सुधार, निष्पादन और परिवर्तन से देश बदल रहा है। आज भारत को G20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी का अवसर प्राप्त हुआ है। बीते वर्ष में जिस प्रकार भारत के कोने-कोने में G20 के अनेक आयोजन हुए, उससे दुनिया को भारत के सामान्य जन के सामर्थ्य, भारत की विविधता का परिचय हुआ है।

लाल किले से उन्होंने कोरोना महामारी का भी जिक्र करते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद एक नई विश्व व्यवस्था, एक नया भू-राजनीतिक समीकरण बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। भू-राजनीति की परिभाषा बदल रही है। आज नई विश्व व्यवस्था को आकार देने में 140 करोड़ लोगों की क्षमता देखी जा सकती है।

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