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बलरामपुर।छत्तीसगढ़ लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ, छत्तीसगढ़ प्रदेश लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ, संचालनालय विभाग अध्यक्ष कर्मचारी संघ, छत्तीसगढ़ वन लिपिक संघ, छत्तीसगढ़ कोषालय कर्मचारी संघ, जनपद एवं जिला पंचायत कर्मचारी संघ तथा छत्तीसगढ़ निगम मंडल महासंघ के संयुक्त तत्वाधान में छत्तीसगढ़ लिपिक फेडरेशन के बैनर तले 22 अगस्त को एक दिवसीय सामूहिक अवकाश लेकर धरना प्रदर्शन करते हुए शासन से अपनी मांग मनवाने हेतु मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर सरगुजा के माध्यम से ज्ञापन सौपेंगे।
छत्तीसगढ़ लिपिक फेडरेशन की तरफ से प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए अवगत कराया गया है कि छत्तीसगढ़ राज्य के गठन से लेकर अब तक विभिन्न लिपिक संघ द्वारा लिपिकों के वेतनमान सुधार हेतु समय-समय पर अपने स्तर पर संघर्ष किया गया। चूंकि सभी अलग अलग होकर संघर्ष कर रहे थे इसलिए किसी भी संगठन को अपेक्षित परिणाम प्राप्त नहीं हुआ। वर्ष 2011-12 एवं वर्ष 2012-13 में लिपिक साथियों ने एक साथ मिलकर वेतन विसंगति का निराकरण कराने हेतु 21 तथा 35 दिवस का अभूतपूर्व अनिश्चितकालीन आंदोलन किया। जिसका परिणाम साथियों को 250 एवं 500 रुपए का कंप्यूटर प्रोत्साहित किया गया। लिपिकों ने कहा इससे हम कभी संतुष्ट नहीं रहे और रहना भी नहीं चाहिए क्योंकि तत्कालीन परिस्थिति के अनुसार सामूहिक रूप से निर्णय लिया गया था। लिपिकों की वेतन विसंगति निराकरण हेतु इसके पश्चात भी विभिन्न संघ द्वारा अपने स्तर पर संघर्ष किया गया। वर्ष 2018 में छत्तीसगढ़ प्रदेश लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ ने 27 दिनों का अनिश्चितकालीन आंदोलन किया तभी अपेक्षित परिणाम प्राप्त हुआ ।इस संबंध में उच्च न्यायालय बिलासपुर के समक्ष याचिका भी दायर किया गया है जिसका जवाब दावा प्रस्तुत करने हेतु अप्रैल 2023 में निर्देशित किया गया है, 17 फरवरी 2019 को बिलासपुर में लिपिको के महा अधिवेशन में मुख्यमंत्री ने कहा था कि आपकी मांगे पूरी की जाएंगी। छत्तीसगढ़ राज्य गठन से लेकर अब तक विभिन्न साथियों के साथ साझा प्रयासों से वेतन विसंगति निवारण हेतु मनोज प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया समिति के समक्ष लिपिक संघ द्वाराअपना पक्ष प्रस्तुत किया गया किंतु समिति का प्रतिवेदन आज दिनांक तक प्रस्तुत नहीं किया गया है जिसके कारण लिपिकों की पीड़ा यथावत बनी हुई है।
सभी लिपिक संघो ने छत्तीसगढ़ लिपिक फेडरेशन बनाते हुए 22 अगस्त को 1 दिन का सामूहिक अवकाश लेकर धरना प्रदर्शन करते हुए अपनी मांग रखे जाने का निर्णय लिया है। इसके पश्चात भी यदि सरकार हमारी बात नहीं सुनती है तो 4 सितंबर से काम बंद, कलम बंद अनिश्चितकालीन आंदोलन किया जाएगा।