नई दिल्ली: राज्यसभा और लोकसभा के सदस्य मंगलवार को संसद के सेंट्रल हाल में एक विशेष कार्यक्रम के लिए एकत्र होंगे। ‘भारतीय संसद की विरासत और 2047 तक विकसित भारत बनाने’ के कार्यक्रम की अगुआई उप-राष्ट्रपति व राज्यसभा के अध्यक्ष जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला करेंगे। संसद के विशेष सत्र का यह दूसरा दिन इसलिए स्मरणीय रहेगा कि नए भवन में संसदीय कामकाज की शुरुआत होने जा रही है, बल्कि इसलिए भी इसे याद किया जाएगा कि इस दिन दोनों सदनों में सबसे अधिक समय तक रहने वाले सांसदों को मौजूदा भवन के सेंट्रल हाल में आयोजित संयुक्त बैठक में आमंत्रित किया गया है।
नए संसद भवन में विशेष सत्र की शुरुआत मंगलवार को दोपहर से ही शुरू होगी। लेकिन यहां विधिवत नियमित कार्यवाही 20 सितंबर से ही शुरू होने की उम्मीद है। मंगलवार की सुबह 9.30 बजे दोनों सदनों के सदस्यों का एक साझा फोटो शूट होगा। इसके अलावा, राज्यसभा और लोकसभा के सदस्यों के अलग-अलग भी ग्रुप फोटो होंगे। इसके बाद मौजूदा भवन के सेंट्रल हाल में सुबह 11 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक “भारतीय संसद की विरासत और 2047 तक विकसित भारत बनाने” के विषय पर चर्चा होगी।
मंगलवार को नए संसद भवन में राज्यसभा की कार्यवाही 2.15 बजे और लोकसभा की 1.15 बजे शुरू होगी। लेकिन इससे पहले मौजूदा संसद के सेंट्रल हाल में आयोजित विशेष कार्यक्रम को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संबोधित करेंगे। इस अवसर पर संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, राज्यसभा में राजग के नेता पीयूष गोयल और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे भी सभा को संबोधित करेंगे। तीन और सदस्य भी संयुक्त बैठक में अपने अनुभव और विचार रखने के लिए आमंत्रित किए गए हैं। इनमें लोकसभा में भाजपा सदस्य मेनका गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री और राज्यसभा सदस्य मनमोहन सिंह और झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रमुख शिबू सोरेन शामिल हैं।
दरअसल मेनका गांधी मौजूदा लोकसभा सदस्यों में सबसे अधिक समय तक इस सदन में रही हैं। इसी तरह मनमोहन सिंह राज्यसभा में सबसे अनुभवी हैं। अगर लोकसभा और राज्यसभा, दोनों सदनों की सदस्यता के लिहाज से सबसे अधिक अनुभव रखने वाले सांसद की बात की जाए तो इस कसौटी पर शिबू सोरेन का नाम पहले नंबर पर है। इसीलिए इन तीनों सांसदों को विशेष सत्र में संबोधन के लिए चुना गया है। डेढ़ घंटे का यह कार्यक्रम राष्ट्रगान के साथ खत्म होगा और वरिष्ठ नेताओं के नेतृत्व में सभी सदस्य नए संसद भवन की ओर प्रस्थान करेंगे।