रायपुर: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के चलते प्रदेश में केंद्रीय स्तर के नेताओं का दौरा जारी है। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के भिलाई में दौरे के बाद गुरुवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष व राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे छत्तीसगढ़ आ रहे हैं। खरगे बलौदाबाजार-भाटापारा के सुमाभाठा में कृषक सह श्रमिक सम्मेलन में शामिल होकर किसान-मजदूरों को साधेंगे। वहीं भाजपा नेता व केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी रायपुर में चुनावी रणनीति बनाने के लिए पहुंच रहे हैं। शाह प्रदेश भाजपा कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर रायपुर में चुनावी रणनीति बनाकर सत्ता वापसी के लिए मंत्र फूंकेंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे सम्मेलन में मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक पेंशन सहायता योजना का शुभारंभ भी करेंगे। उनके साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी मौजूद होंगे। कृषकों और श्रमिकों को न्याय योजनाओं व श्रमिक योजनाओं की राशि का वितरण किया जाएगा। इस मौके पर 266 करोड़ रुपये के 264 विकास कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण होगा।इनमें 176 करोड़ रुपये के 150 कार्यों का लोकार्पण व 90 करोड़ रुपये की राशि के 114 कार्यों का भूमिपूजन शामिल है। सम्मेलन में राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत प्रदेश के 24 लाख 52 हजार 592 किसानों को उनके बैंक खातों में 1895 करोड़ रुपये और गोधन न्याय योजना के 65 हजार गोबर विक्रेताओं को 5 करोड़ 16 लाख रुपये की राशि अंतरित की जाएगी।इसे मिलाकर राजीव गांधी किसान न्याय योजना में अंतरित की जाने वाली राशि बढ़कर 23 हजार 893 करोड़ रुपये और गोधन न्याय योजना में अंतरित की जाने वाली राशि बढ़कर 507.14 करोड़ रुपये हो जाएगी। राजीव गांधी किसान न्याय योजना में 24.52 लाख किसानों को 1895 करोड़ रुपये की तीसरी किस्त जारी होगी।देश की राजनीति का चाणक्य माने जाने वाले केंद्रीय गृहमंत्री शाह तीन महीने के भीतर पांचवीं बार छत्तीसगढ़ आ रहे हैं। शाह 28 सितंबर की दोपहर 12:45 बजे रायपुर के माना विमानतल पहुंचेंगे। वह राजस्थान से सीधे रायपुर आएंगे और भाजपा कार्यालय में विधानसभा चुनाव को लेकर बैठक लेंगे।
पार्टी सूत्रों की मानें तो बैठक में दूसरी सूची के प्रत्याशियों को लेकर मंथन किया जाएगा। भाजपा ने अभी तक 21 विधानसभा के लिए प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। अन्य प्रत्याशियों के लिए भी जल्द ही सूची जारी की जाएगी। प्रदेश में चल रही परिवर्तन यात्रा का फीडबैक लेकर वह सियासी नब्ज टटोलेंगे। वह उच्च स्तरीय बैठक लेंगे।