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रायपुर: चुनाव के नजदीक आते ही धान खरीदी के मुद्दे पर भाजपा-कांग्रेस एक बार फिर आमने-सामने हैं। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा नहीं चाहती है छत्तीसगढ़ के किसानों से प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान की खरीदी हो। इसीलिए मोदी सरकार ने 86 लाख मीट्रिक टन चावल के कोटे को घटाकर 61 लाख कर दिया है। इस आरोप पर भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार का झूठ और प्रपंच सबके सामने आ चुका है।

कांग्रेस सरकार किसानों से पूरा धान खरीदेगी बैजप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि मोदी सरकार एक भी दाना न लें, लेकिन कांग्रेस सरकार किसानों से वादों के मुताबिक धान खरीदेगी। कांग्रेस ने प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदने का लक्ष्य रखा है, जिसमें इस वर्ष 125 लाख मीट्रिक धान की रिकॉर्ड खरीदी की जाएगी। आने वाले वर्षों में किसानों से 3,600 रुपये प्रति क्विंटल की कीमत पर धान की खरीदी होगी।कांग्रेस की सरकार बनने के बाद छत्तीसगढ़ का किसानों ने पूरे देश में धान की सबसे ज्यादा कीमत 2,640 रुपये प्राप्त किया है। केंद्र ने सेंट्रल पुल में चावल का कोटा 86.5 लाख मीट्रिक टन से घटाकर 61 लाख कर दिया गया है, ताकि भूपेश सरकार इस बार जो 125 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने वाली है उसके निराकरण में राज्य ने केंद्रीय जूट कमिश्नर से 3.56 लाख गठाने खरीदने के लिए मांग पत्र दिया था, जिसको भी केंद्र ने घटा दिया है।

मोहले भाजपा विधायक व पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर और पुन्नूलाल मोहले ने कहा है कि झूठ के पैर नहीं होते और सच को लंबे समय तक अंधेरे में ढका नहीं जा सकता और प्रदेश सरकार ने ही इसे साबित कर दिया है। भाजपा नेताओं ने कहा कि भूपेश कैबिनेट ने माना कि भारत सरकार ही धान खरीदती है और केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य पर धान व मक्के का उपार्जन एक नवंबर से उपार्जन किया जाएगा।अपने दम पर धान खरीदी का दंभपूर्ण बयान देकर कांग्रेस और उसकी प्रदेश सरकार जिस तरह प्रदेश के किसानों को बरगलाने का काम लगातार करती आ रही थी, पर अब कांग्रेस का यह झूठ और प्रपंच बेनकाब हो गया है। भाजपा नेताओं ने कहा कि केबिनेट के फैसले ने कांग्रेस के दावे को खोखला करार दिया है, जिसमें कांग्रेसी दावा कर रहे हैं कि वे बिना केंद्र के सहयोग के छत्तीसगढ़ में धान खरीद सकते हैं।

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