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नई दिल्ली, पीटीआइ। दिल्ली एनसीआर के इलाकों में प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में तैनात अपने सभी कर्मचारियों को कार्यालय आने-जाने के लिए जहां तक संभव हो सके सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करने की सलाह दी है। कार्मिक मंत्रालय ने केंद्र सरकार के विभागों को आदेश जारी करते हुए कहा कि यदि कर्मचारी निजी या सरकारी वाहनों का इस्तेमाल कर रहे हैं तो उनको सलाह है कि सड़कों पर वाहनों की संख्या कम करने के में मदद करने के लिहाज से वे सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करें या वाहनों को पूल करें। यही नहीं कार्मिक मंत्रालय ने अपने कर्मचारियों को कोविड-19 संबंधी दिशा निर्देशों का भी सख्ती से पालन करने को कहा है। सरकार की ओर से जारी निर्देश में कर्मचारियों से हर समय मास्क पहनने और गैर-जरूरी यात्राओं से बचने को कहा गया है। मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि एनसीआर में प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए एनसीआर में स्थित केंद्र सरकार के कार्यालयों में तैनात सभी केंद्रीय कर्मचारियों को आफिस आने-जाने के दौरान सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करना चाहिए।
वहीं दूसरी ओर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को प्रदूषण को कम करने के लिए आपातकालीन उपायों की घोषणा की। उन्होंने कहा कि 21 नवंबर तक सरकारी विभागों के लिए 100 फीसद वर्क फ्राम होम लागू रहेगा। गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली में 21 नवंबर तक निर्माण कार्यों पर भी रोक लगा दी गई है। यही नहीं राष्ट्रीय राजधानी में स्कूल एवं अन्य शैक्षणिक संस्थानों को अगले आदेश तक बंद रखा गया है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के सुझावों को सख्ती से लागू करने के मसले पर आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में भाग लेने के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए गोपाल राय ने कहा कि हमनें दिल्ली में आवश्यक सेवाओं से जुड़े वाहनों को छोड़कर अन्य सभी तरह के वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए हैं। पुलिस विभाग एवं परिवहन विभाग मिलकर उक्त आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करेंगे। यही नहीं परिवहन विभाग की ओर से काफी पुराने वाहनों की सूची भी पुलिस को सौंप दी गई है।