नई दिल्ली। बिहार के बक्सर में रघुनाथपुर स्टेशन के करीब कामाख्या नॉर्थ-ईस्ट एक्सप्रेस ट्रेन अचानक पटरी से उतर गई। इस रेल हादसे में चार लोगों की मौत हो गई। वहीं, 75 लोग घायल हो गए। ट्रेन की 21 बोगियां बेपटरी हो गई और दो मेन और दो लूप लाइन मिलकर सभी चार ट्रैक क्षतिग्रस्त हो गए।

इस रेल हादसे की वजह की सटीक जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है, लेकिन क्या इस हादसे को लेकर साजिश रची गई थी? ये सवाल इसलिए पूछा जा रहा है क्योंकि जांच के दौरान यह बात सामने आई कि कई जगहों पर पटरियां टूटी हुई मिली। हालांकि, आधिकारिक तौर पर अधिकारियों ने यह नहीं कहा कि पटरियां टूटने से ही यह हादसा हुआ है।रेलवे बोर्ड ने इस दुर्घटना के बाद एक उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। अभी तक जांच के बाद जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक, बक्सर से ट्रेन चलने के नौ मिनट बाद ट्रेन पटरी से उतर गई। जिस समय ये हादसा हुआ उस समय ट्रेन की रफ्तार करीब 110 से लेकर 120 किलोमीटर प्रति घंटे थी।

इस साल सितंबर महीने में गया धनवाद रेल खंड के गुरपा स्टेशन पर ट्रैक मैन को रेल की पटरी टूटी मिली। इसकी सूचना तत्काल स्टेशन मास्टर को दी गई। उसी समय अप लाइन पर शालीमार गोरखपुर एक्सप्रेस ट्रेन गुरपा होकर गया की ओर जाने वाली थी।बता दें कि पिछले साल नवंबर महीने में भी बिहार में पटरी टूटन के खबर सामने आई थी। जब मोकामा फास्ट पैसेंजर (03279) ट्रेन के संचालन के दौरान गार्ड को पटरी टूटने की जानकारी मिली। गार्ड ने तुरंत स्टेशन मास्टर से संपर्क किया और अप और डाउन से आने वाली ट्रेनों को रोक दी गई थी

Leave a reply

Please enter your name here
Please enter your comment!