नई दिल्ली। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से शनिवार को जम्मू-कश्मीर और हिमाचल में मौसम एकदम से बदल गया। कश्मीर के ऊंचे पहाड़ों पर हिमपात और पूरे प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों में रुक-रुक कर वर्षा हो रही है। अगले 24 घंटे तक मौसम का मिजाज कुछ ऐसा ही बना रहेगा। वर्षा और हिमपात से प्रदेश के विभिन्न जिलों में तापमान सामान्य से 10 डिग्री तक नीचे चला गया है।
राहत की बात यह है कि जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर यातायात अभी सुचारु रूप से बहाल है। हिमाचल के रोहतांग, शिंकुला, कुंजम व बारालाचा दर्रों में बर्फ की सफेद चादर बिछ गई। कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा भी हुई। मौसम विभाग ने 15 अक्टूबर को किन्नौर को छोड़ बाकी जिलों में भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया गया है। ऊना, हमीरपुर, मंडी, बिलासपुर, सोलन व सिरमौर जिला में भारी वर्षा होने का यलो अलर्ट जारी किया गया है, जबकि पांच जिलों के लिए आरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी करते हुए वहां के कुछ इलाकों में तीव्र पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण अगले दो से तीन दिन तक भारी बारिश व बर्फबारी होने की चेतावनी दी है। आइएमडी के अनुसार, यह मौसम का पहला तीव्र पश्चिमी विक्षोभ है और उत्तर-पश्चिम व मध्य भारत में 17 अक्टूबर तक इसका असर देखने को मिलेगा। पश्चिमी विक्षोभ भूमध्यसागरीय क्षेत्र में उत्पन्न होने वाली मौसम प्रणालियां हैं, जो उत्तर-पश्चिम भारत में बेमौसम बारिश का कारण बनती हैं।
आइएमडी ने कहा कि पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से पंजाब में भी सोमवार को भारी वर्षा हो सकती है। इसके अलावा इस अवधि में जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान के कुछ हिस्सों में आंधी और बिजली कड़कने का पूर्वानुमान है। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से मध्य पाकिस्तान और पड़ोसी क्षेत्रों पर एक चक्रवाती परिसंचरण विकसित हुआ है। इसके 15 अक्टूबर को ताजा पश्चिमी विक्षोभ के साथ मिलने के साथ ही और तीव्र होने की आशंका है।
मौसम विभाग के मुताबिक, इस मौसम प्रणाली को अरब सागर से नमी मिलने की संभावना है, जिससे इसी अवधि के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत में बारिश की तीव्रता और दायरे में वृद्धि होगी। पश्चिमी विक्षोभ के गुजरने के बाद उत्तर-पश्चिम भारत में हिमालय से आने वाली शुष्क उत्तर-पश्चिमी हवाओं के प्रबल होने की संभावना है। इससे क्षेत्र में 17 अक्टूबर से तापमान में दो से चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने का अनुमान है।