नई दिल्ली: अगले एक साल में महंगाई 1.35% और कमाई 3.15% की दर से बढ़ सकती है। यानी महंगाई के मुकाबले कमाई लगभग ढाई गुना ज्यादा रहने की उम्मीद है। वहीं, निजी खर्च में भी औसतन 1.87% का इजाफा हो सकता है। यह बात आरबीआई की रिपोर्ट में कही गई है।

महंगाई दर अधिकतम 4.1% और न्यूनतम -0.58% तक जा सकती है। वहीं, आमदनी में अधिकतम 7.07% या न्यूनतम 1.92% की बढ़ोतरी संभव है। इसके अलावा, लोगों के निजी खर्च में 7.11% तक का उछाल या -3.14% की गिरावट आ सकती है।2024 में सेंसेक्स अधिकतम 37% का उछाल या 33% तक गिरावट दर्ज कर सकता है। इसी अवधि में पर्सनल लोन में 4% इजाफा हो सकता है। इसमें 11.76% की अधिकतम बढ़ोतरी या 1.87% की कमी संभव है।


आरबीआई कहता है कि जब ब्याज दरें बढ़ती हैं तो निजी खर्च में गिरावट आती है। लेकिन उसी अनुपात में जब ब्याज दरें कम होती हैं तो निजी खर्च में वैसी बढ़ोतरी नहीं होती। 2012-13 से 2019-20 के बीच जीडीपी ग्रोथ में निजी खर्च या खपत की हिस्सेदारी 59% रही है।बैंक से कर्ज बढ़ने के कारण लोगों के पास पैसा बढ़ेगा, जिससे निजी खर्च में भी तेजी की उम्मीद है। सब्सिडी और डायरेक्ट बेनीफिट जैसी स्कीमों से सरकार का कर्ज बढ़ने से खर्च की क्षमता बढ़ेगी।देश की जीडीपी ग्रोथ रेट 6.8% रहने की उम्मीद
डेलॉय के इंडिया इकोनॉमिक आउटलुक अक्टूबर-2023 के मुताबिक, त्योहारी सीजन और आगामी चुनावों को देखते हुए देश की जीडीपी ग्रोथ रेट 6.8% रहने की उम्मीद है। बढ़ती घरेलू मांग के चलते भारत ग्लोबल मंदी और जियो पॉलिटिकल अनिश्चितताओं का सामने करने में सक्षम है। बढ़ती आमदनी से कंज्यूमर बेस भी मजबूत हो रहा है।

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