बलरामपुर: विधानसभा आम निर्वाचन 2023 के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्रों के लिए सुबह 8 बजे से मतदान प्रारंभ हुुआ। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा जिले में सफलतापूर्वक मतदान कराने के लिए निरंतर मॉनिटरिंग की गई थी। जिले में कुछ क्षेत्र ऐसे भी है जो अति संवेदनशील है जहां मतदान सम्पन्न कराने हेतु विशेष सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराई गई थी। ऐसे ही दूरस्थ अंचल चुनचुना एवं पुदांग में स्थित मतदान केन्द्रांे मेे चॉक-चौबंद सुरक्षा के बीच मतदाताओं ने उत्साहपूर्वक और भयमुक्त होकर लोकतंत्र के महापर्व में अपनी भागीदारी सुनिश्चित की और विकास का रास्ता चुना। चुनचुना-पुंदाग में गत निर्वाचनों में हेलीकॉप्टर से मतदान दलों को भेजकर मतदान कराया जाता था तब गंभीर परिस्थितियां हुआ करती थी। लेकिन जिला एवं पुलिस प्रशासन के अथक प्रयासों से क्षेत्र में शांति स्थापित कर निर्वाचन के लिए समय अनुकूल बनाया गया। मतदान दिवस प्रातः से ही दोनों मतदान केन्द्रों में मतदाताओं की लम्बी कतार देखी गई। जहां युवाओं, महिलाओं तथा पुरूषों के साथ वरिष्ठ मतदाताओं ने भी अपने मताधिकार का उपयोग किया।
सामरी विधानसभा क्षेत्र के अति संवेदनशील क्षेत्र चुनचुना में 745 मतदाता तथा पुदांग में 587 मतदाताओं के लिए प्राथमिक शाला चुनचुना व माध्यमिक शाला पंुदाग को मतदान केन्द्र बनाया गया है। जहां मतदाताओं ने अपने काम छोड़कर बढ़-चढ़कर मतदान की प्रक्रिया में शामिल हुए। जहां मतदाताओं न केवल मतदान किया अपितु खुशी-खुशी सेल्फी लेते नजर आए और बांए हाथ के तर्जनी उंगली दिखाते हुए अपने आत्मविश्वास और जागरूकता का परिचय दिया। शाम 05 बजे तक चुनचुना में 84.16 प्रतिशत तथा पुंदाग में 71.04 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। गत विधानसभा निर्वाचन 2018 में चुनचुना में 67 प्रतिशत तथा पुंदाग में 47 प्रतिशत मतदान हुआ था, जो कि यह दर्शाता है कि चुनचुना एवं पुंदाग के ग्रामीण भयमुक्त होकर लोकतंत्र के महापर्व में अपनी सहभागिता निभा रहे हैं।
गौरतलब है कि यह पहली बार है की सुरक्षाकर्मियों के साथ मतदान दल सड़क मार्ग से इस क्षेत्र में चुनाव कराने पहुंचा है। सामरी विधानसभा में झारखण्ड की सीमा से लगा चुनचुना-पुंदाग इलाके में स्थित बुढ़ापहाड़ कभी नक्सलियों को गढ़ माना जाता था, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में पुलिस प्रशासन ने अभियान चलाकर नक्सलियों के इरादों को नाकाम करने में सफलता हासिल की है। आज वहां के मतदाताओं ने सुरक्षा और कानून व्यवस्था के घेरे में स्वतंत्र रूप से अपने मत का प्रयोग कर लोकतंत्र के निर्माण में अपना योगदान दिया है।