चेन्नई। चक्रवात मिचौंग दक्षिण भारत में बीते कई दिनों से कहर बरपा रहा है। इस चक्रवात के कहर के कारण दक्षिण भारत में अब तक कम से कम 12 लोगों की मौत हो चुकी है।तमिलनाडु और ओडिशा में भयंकर तबाही मचाने के बाद मिचौंग चक्रवार ने मंगलवार दोपहर साढ़े 12 बजे से ढाई बजे के बीच 90 से 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के साथ आंध्र प्रदेश में दस्तक दी।मिचौंग चक्रवात आंध्र प्रदेश के बापटला जिले में स्थित तट से टकराया और फिर आगे बढ़ गया।
बता दें कि चेन्नई में मिचौंग का सबसे ज्यादा असर दिखाई दिया है। चेन्नई शहर विशेष रूप से बुरी तरह प्रभावित हुआ है, जहां बारिश से संबंधित घटनाओं में कम से कम 12 लोगों की जान चली गई है। बचावकर्मी बाढ़ वाले इलाकों में फंसे निवासियों को बचाने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं।चक्रवात मिचौंग ने तमिलनाडु और ओडिशा में जमकर कहर बरपाया है। तूफान ने संपत्ति और बुनियादी ढांचे को व्यापक नुकसान पहुंचाया है, हजारों एकड़ में फैली फसलें फसलें भी बर्बाद हो गईं हैं और सैकड़ों घर भी क्षतिग्रस्त हुए हैं।
आंध्र प्रदेश चक्रवातों के लिए अधिक संवेदनशील
आंध्र प्रदेश की लंबी तटरेखा इसे विशेष रूप से चक्रवातों के प्रति अधिक संवेदनशील बनाती है। 3.3 मिलियन से अधिक लोग समुद्र तट के 5 किमी के दायरे में रहते हैं, जिससे उन्हें तूफान और बाढ़ का खतरा रहता है।मिचौंग एक असामान्य रूप से देर से आने वाला चक्रवात है, क्योंकि इस क्षेत्र में अधिकांश तूफान आमतौर पर अक्टूबर और नवंबर में आते हैं। वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन इसका मुख्य कारण हो सकता है।
हाई अलर्ट पर हैं कई राज्य
मिचौंग चक्रवात के चलते आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और ओडिशा में अधिकारी हाई अलर्ट पर हैं और नुकसान का आकलन करने और प्रभावित समुदायों को राहत प्रदान करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।
प्रभावित अनकापल्ली जिले में 52 पुनर्वास केंद्र स्थापित किए गए हैं और 60,000 से अधिक लोगों को रहने की व्यवस्था की गई है। मौसम विभाग का कहना है कि मंगलवार देर रात तक तूफान की गति घटकर 65-75 किलोमीटर प्रति घंटे थी। आंध प्रदेश में चक्रवात मिचौंग के चलते मंगलवार को 140 ट्रेनें और 40 उड़ानें रद्द कर दी गई।वहीं, दूसरी ओर चेन्नई के अधिकांश इलाकों में मंगलवार को सुबह से बारिश का असर कम रहा, इससे अधिकारियों को बचाव और राहत कार्य तेज करने के लिए समय मिल गया।