कोरबा। एसईसीएल कोरबा क्षेत्र की मानिकपुर परियोजना के विस्तार के लिए भू-अर्जन की प्रक्रिया के बीच भिलाईखुर्द-1 पहुंचे एसईसीएल के अधिकारियों को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। एसईसीएल के अधिकारी कोरबा तहसीलदार व प्रशासन के अन्य कर्मचारियों के साथ भिलाई खुर्द बस्ती-1 में मकान और परिसंपत्तियों का सर्वे के लिए पहुंचे थे।
उन्होंने बताया कि 1960 में यहां की जमीन अर्जित की जा चुकी है और अब खदान के लिए अधिग्रहण किया जाना है। कोल बेयरिंग एक्ट के तहत परिसंपत्तियों का नाप-जोख कर मुआवजा निर्धारण के लिए सर्वे कार्य करने हेतु आना बताया। उपस्थित ग्राम वासियों के साथ-साथ भू-विस्थापित कल्याण समिति के अध्यक्ष कृष्ण कुमार द्विवेदी ने प्रभावित होने वाले ग्रामीणों के रोजी-रोजगार के बारे में सवाल किया तो उन्हें बताया गया कि प्रावधानों और नीति के आधार पर लाभ दिया जाएगा।
जानकारी के अनुसार ग्रामीणों ने जमीन अर्जन के बदले बहुत ही कम मुआवजा और रोजगार नहीं मिलने की बात कहते हुए पुराने कडवे अनुभवों का जिक्र कर अपनी जमीन व मकान आदि देने से इंकार कर दिया। कृष्ण कुमार द्विवेदी ने कहा कि एसईसीएल में बाहरी लोगों को रोजगार दिया जा रहा है, नौकरी दी जा रही है और स्थानीय लोगों को अपना जमीन, घर, खेत देने के बाद भी कोयल बीन कर अपना जीवन यापन करना पड़ रहा है। स्थानीय लोग नौकरी के लिए भटक रहे हैं जबकि बाहरी लोगों को यहां पर कंपनी के साथ-साथ आउटसोर्सिंग में भी तवज्जो दी जा रही है।