भोपाल: मध्य प्रदेश के शाजापुर ज़िले के कलेक्टर किशोर कन्याल को सीएम मोहन यादव ने पद से हटा दिया है. किशोर कन्याल के ट्रक ड्राइवर्स से बातचीत के एक हिस्से का वीडियो वायरल हुआ था. इस वीडियो में किशोर कन्याल ट्रक ड्राइवर से ये कहते दिखते हैं- क्या करोगे तुम, क्या औकात है तुम्हारी?इस पर वहां खड़ा एक व्यक्ति जवाब देता है- यही तो हमारी लड़ाई है कि हमारी कोई औकात नहीं है. हम हाथ जोड़कर आपसे विनती कर रहे हैं.ये वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ. अब मध्य प्रदेश के सीएम डॉ मोहन यादव ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है.
MP शाजपुर डीएम-क्या औक़ात है तुम्हारी?
— Sahu Ashish (@ashishsahu_89) January 3, 2024
ड्राइवर-यही तो लड़ाई है कि कोई औक़ात नहीं है हमारी
( यह अनुभव सिन्हा की फ़िल्म आर्टिकल 15 का दृश्य नहीं,असल का सीन है। ) pic.twitter.com/gZlHkKJ6GN
मोहन यादव ने कहा, ”अधिकारी का ऐसी भाषा बोलना उचित नहीं है. ख़ासकर ये सरकार तो गरीबों की सरकार है. पीएम मोदी जी के नेतृत्व में सरकार गरीब कल्याण के लिए काम कर रही है. कितना भी बड़ा अधिकारी हो, उसे लोगों के काम और भाव का सम्मान करना चाहिए. मनुष्यता के नाते हमारी सरकार में ये भाषा स्वीकार नहीं है.”
वो बोले, ”मैं खुद मजदूर परिवार से निकला हुआ बेटा हूं. मैं समझता हूं कि आगे से अधिकारी कोई ऐसी भाषा बोलता है तो उसे मैदान में रहने का अधिकार नहीं है. दोबारा जो अधिकारी इस पद पर आएगा, वो भाषा और व्यवहार का ध्यान रखेगा. ऐसी भाषाओं से मेरे मन में पीड़ा हुई. मैं इसे कभी क्षमा नहीं करुंगा.”
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि शाजापुर में ट्रक ड्राईवरों की बैठक के दौरान जिस प्रकार की भाषा का उपयोग अधिकारी द्वारा किया गया वह कतई उचित नहीं है। कलेक्टर नरसिंहपुर ऋजु बाफना को शाजापुर का नया कलेक्टर बनाया गया है। शाजापुर के कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल को स्थानांतरित कर भोपाल में उप सचिव बनाया गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हम गरोबोत्थान के लिए कार्य कर रहे हैं। यह सरकार गरीबों की सरकार है, मैं स्वयं मजदूर परिवार से आता हूँ, हमारी सरकार में इस प्रकार का व्यवहार सहन नहीं होगा, ऐसी भाषा बोलने वाले अधिकारियों को मैदान में रहने का अधिकार नहीं है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जबलपुर रवाना होने से पहले भोपाल के राजकीय विमानतल पर कहा कि मैं इस घटना से बहुत पीड़ित हूँ, ऐसे प्रकरणों में किसी को क्षमा नहीं किया जा सकता। अधिकारियों को मनुष्यता के नाते सभी व्यक्तियों के काम और उनके भाव का सम्मान करना चाहिए। आशा है भविष्य में अधिकारी अपने व्यवहार और भाषा का ध्यान रखेंगे।