सुकमा: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिला अस्पताल में नवजात बच्चे को बेचने के मामले में कोतवाली पुलिस ने नर्स समेत 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस गोरखधंधे में नवजात बच्चे के माता-पिता और नवजात को खरीदने वाले दंपत्ति और उनकी मां शामिल है। पुलिस ने शनिवार को मामले का खुलासा किया है।
दरअसल, कुछ दिन पहले बाल संरक्षण अधिकारी को इस गोरखधंधे के खिलाफ गोपनीय शिकायत मिली थी। इसके बाद से ही स्टाफ नर्स पर नजर रखी जा रही थी। अधिकारियों को पता चला था कि रामाराम के कुड़केल गांव की एक गर्भवती महिला की 4 जनवरी को जिला अस्पताल में डिलीवरी हुई।इसके बाद स्टाफ नर्स ने किरंदुल के एक दंपती को बच्चा बेचने के लिए करीब 3 लाख रुपए में सौदा किया। स्टाफ नर्स ने बच्चे की मां को इसके लिए करीब 20 से 30 हजार रुपए दिए थे। मामला उजागर होने के बाद स्टाफ नर्स को निलंबित कर दिया गया था।पैसे देने के बाद नवजात को नर्स अपने साथ ले गई, फिर अपने घर में किरंदुल के दंपती को बुलाकर नवजात को उन्हें सौंप दी। बाल संरक्षण विभाग की टीम ने इस पूरे मामले की पड़ताल की। नवजात के परिजनों से मुलाकात कर पूरी जानकारी जुटाई गई। बाल संरक्षण अधिकारी ने इसकी रिपोर्ट सुकमा कलेक्टर हरीश एस को भी सौंपी थी।
बाल संरक्षण अधिकारी जितेंद्र सिंह बघेल ने कहा कि मामले में विभागीय जांच के बाद पुलिस थाने में FIR भी दर्ज करवाई गई थी। पुलिस ने गुरुवार को नर्स को हिरासत में ले लिया था। उससे पूछताछ की जा रही थी।
आपको बता दे कि जिस स्टाफ नर्स की यह करतूत सामने आई है, वह साल 2012 से जिला अस्पताल में पदस्थ है। विभागीय जांच में पता चला है कि नर्स इससे पहले भी कई आदिवासी महिलाओं की डिलीवरी के बाद उनके नवजातों को पड़ोसी राज्य ओडिशा और आंध्र प्रदेश में बेच चुकी है। इसके बारे में भी पता लगाया जा रहा है।